लॉकडाउन के दौरान किसानों को परेशानी से बचाने के लिए अनेक उपाय

लॉकडाउन के दौरान किसानों को परेशानी से बचाने के लिए अनेक उपाय

केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कंट्रोल रूम बनाकर नियमित निगरानी के दिए निर्देश

कृषि उपज व अन्य संबंधित वस्तुओं का परिवहन निर्बाध होना चाहिए

निर्यात योग्य कृषि उपज बाहर भेजने में किसानों को नहीं आना चाहिए परेशानी

कृषि मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की समीक्षा

: 07 APR 2020 , by PIB

कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर प्रभावी देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान किसानों को परेशानी से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनेक उपाय किए गए हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने आज मंत्रालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से तमाम वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक लेकर, किसानों को राहत पहुंचाने के उपायों पर सख्ती से अमल किए जाने की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कंट्रोल रूम बनाकर नियमित निगरानी के दिशा-निर्देश भी दिए।
कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के उद्देश्य से लागू लॉकडाउन के मद्देनजर देशभर में आम लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में, प्रारंभ में कई किसानों को परेशानी होने की शिकायतें मिली थी, जिन पर प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कृषि मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर का तत्काल गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के साथ लगातार संवाद हुआ और तुरंत ही निर्णय लेकर किसानों को राहत के लिए अनेक उपाय लागू किए गए हैं। आज कृषि मंत्रालय में दोनों राज्य मंत्रियों-  परषोत्तम रूपाला एवं  कैलाश चौधरी के साथ  तोमर ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली, जिसमें केंद्र सरकार के तत्संबंधी दिशा-निर्देशों को लेकर समीक्षा की गई।
बैठक में श्री तोमर ने कहा कि किसानों के हित में जो भी निर्णय लिए गए हैं, उन्हें अमल में लाने के साथ ही इस दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। अधिकारियों से श्री तोमर ने कहा कि फसलों की कटाई में किसानों को कोई परेशानी नहीं होना चाहिए। साथ ही, हर संभव कोशिश यह होना चाहिए कि उनकी कृषि उपज खेत के पास ही बिक सकें, साथ ही इसका राज्य और अंतरराज्यीय परिवहन सुगमता से हो। इस संबंध में ट्रकों की आवाजाही को भी लॉकडाउन से छूट दी गई है। आगे बुआई भी होना है, जिसे लेकर खाद-बीज की कमी कहीं भी नहीं होना चाहिए। खाद-बीज के परिवहन के लिए भी पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए जाना चाहिए। जिन कृषि वस्तुओं का निर्यात किया जाना है, वह प्रभावित नहीं होना चाहिए।
कृषि उत्पादों की ख़रीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों, कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्यों द्वारा संचालित मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों और उर्वरक, कीटनाशक व बीजों की निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बाग़वानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को छूट दी गई है। कृषि मशीनरी व कलपुर्जों की दुकानें लॉकडाउन में चालू रखी जा सकेगी। छूट में संबंधित आपूर्तिकर्ताओं को भी शामिल किया गया है।  हाईवे पर ट्रकों की मरम्मत करने वाले गैरेज व पेट्रोल पंप भी चालू रहेंगे, ताकि कृषि उपज का परिवहन सुगमता से हो सकें। इसी तरह, चाय बागानों पर अधिकतम 50 प्रतिशत कर्मचारी रखते हुए काम किया जा सकेगा।
राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफ़ॉर्म की नई सुविधाएं भी लांच की गई है, जिनका इस दौरान लाभ उठाया जा सकता है। केंद्र ने किसानों के अल्पकालिक फसली ऋण जो 1 मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देय हैं या देय होंगे, के लिए पुनर्भुगतान की अवधि भी 31 मई 2020 तक बढ़ाई है। किसान 31 मई 2020 तक अपने फसल ऋण को बिना किसी दंडात्मक ब्याज के केवल 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर भुगतान कर सकते हैं।

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