स्मार्ट शहरों में नगर प्रशासन और चिकित्सकों के सहयोग से हो रहे हैं कोविड -19 से निबटने के समन्वित प्रयास
: 07 APR 2020 , by PIB
स्मार्ट शहरों में,कोविड -19 के संदिग्ध मामलों की निगरानी के संयुक्त प्रयास जिला प्रशासन, जिला पुलिस और नगर निकायों के सहयोग से सुनिश्चित किए जा रहे हैं। अपनी विकसित अवसंरचना का लाभ उठाते हुए ये शहर हीट मैप्स का उपयोग करते हुए भविष्य की स्थितियों के विश्लेषण के लिए सक्षम प्रणाली विकसित कर रहे हैं और इसके साथ ही कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की आवाजाही पर निगरानी के लिए जियो फेन्सिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे मरीजों की स्वास्थ्य की स्थिति पर भी लगातार नजर रखी जा रही है।
कोविड वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखना बेहद आवश्यक है ऐसे मेंटेलीमेडिसिन, संचार का एक सक्षम माध्यम बनकर नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की एक महत्वपूर्ण तकनीक के रूप में उभरा है। इस तकनीक का उपयोग करते हुए, स्मार्ट शहर अपने नागरिकों को ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श सुविधाएं प्रदान करने के लिए चिकित्सकों (प्रमाणित डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों) के साथ सहयोग कर रहे हैं। नीति आयोग तथा भारतीय चिकित्सा परिषद के सहयोग से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश, लॉकडाउन अवधि के दौरान दूरस्थ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने की अनुमति देते हैं। इन दिशानिर्देशों के अनुसार डॉक्टर टेलीफ़ोन पर बात करके या वीडियो वार्तालाप अथवा चैटिंग, चित्रसंदेश, ईमेल, फैक्स और ऐसे ही सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों के जरिए संपर्क के आधार पर मरीजों के लिए नुस्खे लिख सकते हैं।
स्मार्ट शहरों की कुछ प्रमुख पहलों काब्यौरा नीचे दिया गया है
मध्य प्रदेश:
भोपाल में, एकीकृत कमांन और नियंत्रण केन्द्र का उपयोग नागरिकों के लिए एक हेल्पलाइन और टेली-परामर्श केंद्र के रूप में किया जा रहा है। केन्द्र के साथ एकीकृत टोल फ्री नंबर 104 की सार्वजनिक सूचना दी गई है। आईसीसीसी केन्द्र में तैनात स्टेशन ऑपरेटरों को आनेवाली फोन कॉलों का जवाब देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उज्जैन के आईसीसीसी में, नागरिकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग / टेलीफोन कॉल लेने और उनमें आ रहे लक्षणों के आधार पर उन्हें उचित सलाह देने के लिए दो डॉक्टर 24 घंटे केंद्र में तैनात रखे गए हैं। डॉक्टरों द्वारा पर्चे के आधार पर लोगों को दवाइयां वितरित करने के लिए 40 मेडिकल मोबाइल यूनिट्स का संचालन किया गया है।
जबलपुर में, समर्पित रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) और मोबाइल एक्शन यूनिट (एमएयू) जमीनी स्तर पर हर नगर पालिका के प्रत्येक वार्ड मे मौजूद है और स्क्रीनिंग, एम्बुलेंस और क्वारंटाइन आदि के बारे में आईसीसीसी में मौजूद अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है। एक मेडिकल टीम भी हेल्पलाइन नबंर के माध्यमसेकिसी आकस्मिक स्थिति में तत्काल चिकित्सा प्रदान करने के लिए आईसीसीसी में तैनात रखी गई है।व्हाट्सएप वीडियो कॉल नंबर +917222967605 के माध्यम से नागरिकों को टेलीमेडिसिन और वीडियो परामर्श की सुविधाएं दी जा रही हैं। सभी आपरेटरों को क्वारंटाइन किए गए नागरिकों , हाल में विदेश यात्रा से आए लोगों की निगरानी करने और कोविड के बारे में पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्नों का जवाब देने का दैनिक कार्य सौंपा गया है।
ग्वालियर में, आईसीसीसी में एक 24X7 परामर्श हेल्पडेस्क बनाया गया है। इन केन्द्रों में तैनात प्रशिक्षित पेशेवर आम लोगों द्वारा प्रारंभिक स्तर पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हैं जिसके बाद ये सभी कॉल आगे निर्दिष्ट चिकित्सकों से परामर्श के लिए उनसे जोड़ दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया आम जन में कोविड को लेकर फैली घबराहट को दूर करने के लिए चिकित्सको से परामर्श के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
सतना और सागर में, डॉक्टर नागरिकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग / टेलीफोन कॉल लेने के लिए आईसीसीसी में तैनात हैं और लक्षणों के आधार पर उन्हें उचित सलाह देते हैं।
उत्तर प्रदेश:
कानपुर में आईसीसीसी से शहर की स्वास्थ्य सेवाओं पर नज़र रखी जा रही है। टेलीमेडिसिन की सुविधा को सिटी प्रशासन द्वारा शुरू की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। नागरिकों से इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए 8429525801 नंबर पर वीडियो कॉल करने का अनुरोध किया गया है। अलीगढ़ में, आईसीसीसी में सुबह 11:00 से दोपहर 2:00 बजे और शाम 5:00 बजे से 8:00 बजे के बीच डाक्टर उपलब्ध कराए गए हैं ताकि आम नागरिक दिए गए व्हाट्सएप नंबर के माध्यम से इन चिक्त्सिकों से टेलीमेडिसिन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा का लाभ ले सकें।
वाराणसी में डॉक्टरों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
महाराष्ट्र:
नागपुर नगर निगम ने खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई वाले नागरिकों की मदद के लिए कोरोना वायरस एप्लिकेशन लॉन्च किया है। नागरिकों को केवल इसपर अपने लक्षणों के बारे में जानकारी देनी होगी जिसके आधार पर यह मोबाइल एप्लिकेशन यह पता लगा लेगा कि उनमें कोरोना संक्रमण के है के लक्षण है या नहीं । यदिए ऐसे कोई लक्षण पाए गए तो , मोबाइल एप्लिकेशन एनएमसी डॉक्टरों की टीम को आगे की निगरानी और कार्रवाई के लिए सूचित करेगा।
कर्नाटक:
मेंगलुरु में, हेल्पलाइन नंबर 1077 के साथ एक समर्पित कॉल सेंटर टेलीमेडिसिन सुविधा के रूप में स्वत क्वारंटाइन में रह रहे नागरिकों की निगरानी और सलाह के लिए परिचालित किया गया है। मेंगलुरु नगर निगम के समर्पित पेशेवर, पुलिस और डॉक्टर के समर्पित पेशेवर इस केन्द्र में उपलब्ध हैं जो नागरिकों से मिलने कॉल पर उन्हें उचित जानकारी दे रहे हैं।
तमिलनाडु:
चेन्नई में, 25 डॉक्टर आईसीसीसी में तैनात किए गए हैं। उनमें से प्रत्येक को क्वारंटाइन में रह रहे 250 लोगों। की जिम्मेदारी दी गई है। डाक्टरों को इन लोगों की नैतिक और मनोवैज्ञानिक रूप से मदद करने को कहा गया यदि आवश्यक हो, तो वे इन लोगों को आवश्यक दवाएं लेने की भी सलाह दे सकते हैं। वेल्लोर में, कोरोना के 118 संदिग्ध मरीजों को व्यक्तिगत रूप से अलग अलग स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ जोड़ा गया है। संदिग्ध मरीजों के संपर्क का ब्यौरा और चिकित्सा इतिहास साझा किए जाते हैं और आवश्यक सलाह भी दी जाती है।
गुजरात:
गांधीनगर में, स्वास्थ्य टीम (विशेषज्ञ चिकित्सक) वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से घरों में क्वारंटाइन या कोरोना के संदिग्ध रोगियों को प्रारंभिक कदम उठाने और सावधानियों बरतने का सुझाव देते हैं। गांधीनगर के नगर निगम की वेबसाइट के माध्यम से शहर के सभी क्षेत्रों में स्थित किराने की दुकानों के संपर्क नंबर नागरिकों को उपलब्ध कराए गए हैं।
राजस्थान :
कोटा शहर में भी दूरस्थ डिजिटल चिकित्सा परामर्श की सुविधा प्रदान की जा रही है। स्थानीय मेडिकल स्टोर की जानकारी भी इसके जरिए दी जा रही है।
न्यू टाउन कोलकाता में स्काइप के माध्यम से एक टेलीमेडिसिन केंद्र के संचालन की सुविधा प्रदान की गई है।