Coronavitus: भोपाल में 63 में से 29 लोग स्वास्थ्य विभाग के,

-63 में से 29 लोग स्वास्थ्य विभाग के, 3 पुलिस कर्मी
भोपाल। प्रदेश में कोरोना सक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। खासकर भोपाल एवं इंदौर में अभी तक सबसे ज्यादा कोरोना पॉजीटिव सामने आए हैं। भोपाल में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अभी तक राजधानी में 63 कोरोना पॉजीटिव मिले हैं, जिनमें से 29 संक्रमित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी हैं। खास बात यह है कि रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद भी विभाग के बड़े अधिकारियों ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। मुख्य सचिव के दखल के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल समेत अन्य तीन महिला अधिकारी अस्पताल में भर्ती हुई हैं।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य वीणा सिन्हा की कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट शनिवार को आ चुकी थी, लेकिन दोनों अधिकारी अस्पताल जाने की बजाए घर में ही आईसोलेट हो गई थीं। ररिवार को पल्लवी जैन ने घर से ही हेल्थ बुलेटिन जारी की और सीएम की वीडियो कॉफ्रेंसिंग में घर से ही हिस्सा लिया। उस दिन मुख्यमंत्री ने पल्लवी की तारीफ की थी। सोमवार सुबह ही पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने भी पल्लवी जैन के काम के प्रति समर्पण भाव को देखकर सेल्यूट किया। शाम तक तीनों महिला अधिकारियों पर दबाव डालकर अस्पताल भेजा गया था। सोमवार की रिपोर्ट में डॉ रूबी खान कोरेाना पॉजीटिव मिली। इसके बावजूद भी अपने प्रशासनि अकादमी स्थित सरकारी आवास से बाहर नहीं निकली। जिला प्रशासन एवं प्रशासन अकादमी के महानिदेशक एपी श्रीवास्तव के दखल के बाद उन्हें जिला प्रशासन की टीम ने जबरन घर से चिरायु अस्पताल भेजा। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के दखल के बाद प्रमुख सचिव पल्लवी जैन एवं वीणा सिन्हा बंसल अस्पताल में जाकर भर्ती हुईं। इतना ही नहीं इन अधिकारियों ने घर के बाहर कोरोना पॉजीटिव का नोटिस भी लगाने से इंकार किया था। जिला प्रशासन पर अपने रसूख का इस्तेमाल किया। लेकिन प्रशासन को मंत्रालय से मदद की गुहार लगानी पड़ी।
लापरवाही पर लापरवाही करता रहा विभाग
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग के बड़े अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आ चुकी है। सबसे पहले स्वास्थ्य संचालक जे विजय कुमार पॉजीटिव मिले। वे लगातार बैठक करते रहे और कर्मचारियों से मिलते रहे। इस दौरान उनके संपर्क में आए अधिकारी भी क्वारेटाइन नहीं हुए और प्रमुख सचिव से लेकर अन्य अधिकारी मुख्यमंत्री की बैठकों में भाग लेते रहे। प्रमुख सचिव पल्लवी जैन एवं वीणा सिन्हा ने भी लापरवाही बरती। न वे आइसोलेट हुईं और न ही उन्होंने संपर्क में आए लोगों को क्वारेंटाइन में भेजा।
ठेकेदार के कर्मचारियों पर नहीं लगाई रोक
स्वास्थ्य विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर से लेकर ऑफिस कार्य के लिए कई कर्मचारी आउटसोर्स पर हैं। अधिकारियों के कोरोना पॉजीटिव मिलने के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों का आना बंद नहीं हुआ। न ही अभी तक इनकी जांच की गई है।
पड़ोस में चर्चा न करने की सलाह
स्वास्थ्य आयुक्त फैज अहमद किदवई की ओर से आउटसोर्स एवं विभाग के अन्य कर्मचारियों की परीक्षण के लिए सूचना जारी की गई है। उनकी ओर से कहा गया कि कर्मचारी स्वास्थ्य परीक्षण और रिपोर्ट आने तक पड़ोस में चर्चा न करें। विभाग ने तय किया है कि पिछले 15 दि से ड्यूटी पर आ रहे सभी डीएचएस और एनएचएम की जांच की जाएगी। जंाच के लिए भोपाल प्रशासन का सहयोग मांगा है। अफसरों को सलाह दी गई है कि वे कर्मचारियों को आश्वस्त करें के वे आतंकित न हों।
ये अधिकारी, कर्मचारी पड़े बीमार
— आईएएस डा. जे.विजय कुमार संचालक स्वास्थ्य विभाग प्रशासन , कमलेश गनमेन (विजयकुमार), आईएएस पल्लवी जैन ‚प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग , डॉ. वीणा सिन्हा अपर संचालक स्वास्थ विभाग, नरेंद्र जायसवाल विश फाउंडेशन के एडवाइजर , प्रमोद गोयल उप संचालक आईडीएससी , डॉ. उपेंद्र दुबे संयुक्त संचालक, अस्पताल प्रशासन , डॉ हिमांशु जायसवार उप संचालक , डॉ. सत्येंद्र पांडे कीट विज्ञानी , डॉ. सौरभ पुरोहित उप संचालक एनवीबीसीडी, कैलाश बुंदेला अपर संचालक ‚विजय सिंह कंप्यूटर ऑपरेटर , सुनील मुकाती आईटी शाखा , रंजना गुप्ता स्वास्थ्य विभाग के एनएचएम में अनुबंधित डायरेक्टर , डॉ.रूबी खान डायरेक्टर ब्लड ट्रांसफ्यूजन, डॉ. शाव्या सालम आईडीएसपी में पदस्थ स्टेट एपिडिमोलॉजिस्ट, राकेश मुंशी संयुक्त संचालक , बलवंत सिंह चपरासी , आलोक श्रीवास्तव क्लर्क , सुरेंद्र पारे क्लर्क , दीपक देशमुख पीए , अभिषेक सोनी, राजकुमार गर्ग क्लर्क , राजकुमार पांडे ‚गौरव पाल, राजेश क्यों,विजय सिंह जाटव, रोहिणी जायसवाल, एन एच एम ऋषिराज सिंह।

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