पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। हमारा कोई लेना-देना नहीं है। वास्तविकता यह है कि जो सरकार अल्पमत में है, वह कैसे राज्यपाल का अभिभाषण करा सकती है। भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थति पैदा हो गई है। राज्यपाल सदन में सरकार का अभिभाषण पढ़ते हैं। सरकार अल्पमत में है तो किसका भाषण पढ़ेंगे। राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष के पास 22 विधायकों के इस्तीफे पहुंच चुके हैं। हम राज्यपाल और अध्यक्ष से निवेदन करेंगे की पहले फ्लोर टेस्ट हो फिर राज्यपाल का अभिभाषण।