भोपाल : मध्य प्रदेश में एक बार फिर से सियासी बवाल शुरू हो गया है. आधी रात को कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर 8 विधायकों को गुरुग्राम के एक लग्जरी होटल में बंधक बनाने का आरोप लगाया और कमलनाथ सरकार पर संकट मंडराने लगा. कांग्रेस ने बीजेपी पर कमलनाथ सरकार को गिराने की कोशिश करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का भी आरोप जड़ा. इसके बाद कांग्रेस हरकत में आई और आधी रात को विधायकों को गुरुग्राम के होटल से निकालकर राहत की सांस ली.
इससे पहले एक मीडिया से बातचीत में वित्तमंत्री तरुण भनोट ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश के 8 विधायकों को गुरुग्राम के आईटीसी ग्रैंड भारत होटल में बंधक बना रखा है. इनमें से 4 विधायक कांग्रेस पार्टी, 2 विधायक बहुजन समाज पार्टी और एक विधायक समाजवादी पार्टी से हैं, जबकि एक विधायक निर्दलीय है.
मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री तरुण भनोट ने यह भी आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी और मंत्री जयवर्धन सिंह होटल पहुंच चुके हैं, लेकिन उनको विधायकों से मिलने नहीं दिया जा रहा है. होटल में रखे गए विधायकों की निगरानी के लिए हरियाणा पुलिस को लगाया गया है. इस घटना के बाद मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री तरुण भनोट भी इन आठों विधायकों से मिलने के लिए गुरुग्राम के आईटीसी होटल के लिए निकल पड़े.
इसके बाद आधी रात को ही कांग्रेस पार्टी अलर्ट हो गई और विधायकों से संपर्क किया जाने लगा. कुछ देर बाद मध्य प्रदेश के मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी बहुजन समाज पार्टी की निलंबित विधायक रमाबाई के साथ गुरुग्राम के आईटीसी ग्रैंड भारत होटल से बाहर निकले. इसके बाद जयवर्धन सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमारे विधायकों को बड़ी रकम का ऑफर देकर खरीद रही थी. हालांकि हमने अपने विधायकों को होटल से बाहर निकाल लिया है. अब मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर कोई खतरा नहीं है.
इस दौरान मंत्री जयवर्धन सिंह ने बीजेपी पर भी करारा हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी के पूर्व मंत्री और मुख्यमंत्री हार को सहन नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह से यह सब किया जा रहा है. बीजेपी के नेता नरोत्तम मिश्रा हमें वहां होटल के बाहर दिखे हैं. हमारे पास 6 विधायक वापस आ चुके हैं, जबकि बाकी विधायक हमारे संपर्क में हैं. हमने बड़ी मुश्किल से अपने विधायकों को होटल से बाहर निकाला है.
इससे पहले मंगलवार सुबह कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी विधायकों को तोड़ने में लगी हुई है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश के कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी के विधायकों को दिल्ली लाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. बहुजन समाज पार्टी की विधायक राम बाई को क्या भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह चार्टर फ्लाइट में भोपाल से दिल्ली नहीं लाए? इस पर शिवराज सिंह चौहान कुछ कहना चाहेंगे? लेकिन हमें राम बाई पर पूरा भरोसा है. वो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रशंसक हैं और उनका समर्थन करती रहेंगी.’
मध्य प्रदेश में विधानसभा सदस्यों की संख्या 230 है, जिनमें से कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. इसके अलावा बाकी 9 विधायकों में से बहुजन समाज पार्टी के पास 2 विधायक और समाजवादी पार्टी के पास एक विधायक हैं.
इसके अतिरिक्त 4 निर्दलीय विधायक हैं, जबकि दो विधानसभा सीटें खाली हैं. दो विधायकों की मौत होने के बाद से ये सीटें खाली हैं. मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 116 विधायकों का है. हालांकि सूबे की सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी कुल 121 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है.