चैत्र नवरात्रि चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 25 मार्च बुधवार से शुरू होगी और 2 अप्रैल को समापन होगा। ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्रि की घट स्थापना बुध और चंद्रमा के होरा में की जाना चाहिए। नवरात्रि में चार सर्वार्थसिद्धि, एक अमृतसिद्धि और एक रवियोग भी आएगा। इस नवरात्रि विशेष ग्रह योगों के कारण मनोकामना पूर्ति होगी।चैत्र शुल्क प्रतिपदा विक्रम संवत हिंदू पंचांग का पहला दिन है। इसी दिन से कालगणना प्रारंभ हुई थी। मान्यता है इसी दिन ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसी दिन सूर्य की पहली किरण पृथ्वी पर फैली थी। 9 ग्रह, 27 नक्षत्र और 12 राशियों का उदय भी इसी दिन हुआ था। इसी दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था। ज्योतिर्विज्ञान के अनुसार प्रतिपदा तिथि 24 मार्च मंगलवार दोपहर 2.58 बजे शुरू होगी और बुधवार शाम 5.26 बजे तक रहेगी। इस दिन ब्रह्म योग, रेवती नक्षत्र, करण वालब, राशि मीन और राशि स्वामी गुरु है।
किस दिन कौन सा योग
25 मार्च- गुड़ी पड़वा बसंती नवरात्र शुरू
26 मार्च- सर्वार्थ सिद्धि योग
27 मार्च- सर्वार्थ सिद्धि योग
28 मार्च- तिथि चतुर्थी
29 मार्च- रवि योग
30 मार्च- सर्वार्थसिद्धि व अमृत योग
31 मार्च- सप्तमी तिथि
1 अप्रैल- अष्टमी तिथि
2 अप्रैल- रामनवमी, सर्वार्थ सिद्धि योग
घट स्थापना के शुभ मुहूर्त
25 मार्च को घट स्थापना सुबह 6.25 से 9.30 तक। यह बुध और चंद्रमा की होरा है। इस होरा में घट स्थापना करने से मानसिक शांति, उत्तम स्वास्थ्य, मनोकामना पूर्ति होने की मान्यता है।
सुबह 11 से दोपहर 12.32 तक। यह सूर्य और शुक्र की होरा है। इस होरा में घट स्थापना करने से मान पद प्रतिष्ठा, ऐश्वर्या में वृद्धि होने की मान्यता है।
दोपहर 3.35 से 5.34 तक। यह बृहस्पति और मंगल की होरा है। इस होरा में घट स्थापना करने से पराक्रम में वृद्धि, उत्साह, पद और प्रतिष्ठा, धन, सुख, सौभाग्य की प्राप्ति की मान्यता है।