चार बार माफी मांग चुके भारती अब “अड़ी” पर उतरे
महेन्द्र सिंह :
भोपाल,8 फरवरी | बरकतउल्ला विश्वविधालय के रजिस्ट्रार बलराम भारती की विवादस्पद कार्यप्रणाली से व्यवस्थाएं सुधरने के बजाय रसातल में जाने का ख़तरा मंडरा रहा है | कुलपति से रजिस्ट्रार की पट नहीं रही और न ही कर्मचारियों से पटरी बैठ रही है | कर्मचारियों से भिड़ने के बाद भारती चार बार माफी मांग चुके हैं ,लेकिन बात बिगड़ती जा रही है | कर्मचारियों में तनाव है और किसी भी दिन इस तनाव का बम फटने का अंदेशा है |अब रजिस्ट्रार अपने मनमाफिक काम कराने के लिए अड़ीबाजी पर उतर आए हैं |
भारती के रजिस्ट्रार पद पर ज्वाइन करने के बाद बरकतउल्ला विश्वविधालय के गलियारों से अच्छी ख़बरें नहीं आ रही हैं | उनके आते ही जिस तरह के लोग सक्रिय हुए और जिस तरह के कामों में उन्होंने रूचि दिखाई ,उससे सबके कान खड़े हो गए हैं | भारती की सबसे पहली भिड़ंत तो कुलपति से हुई , ज्वाइन के समय कुलपति ने अंग्रेजी में क्या लिख दिया कि भारती उन्हें ही हिन्दी का पाठ पढ़ाने लग गए | फिर एक जनवरी को कर्मचारियों के कार्यक्रम में उन्होंने अदाबाजी दिखाई | वह अपने लटके झटकों से इस कोशिस में थे कि कुलपति को दबा लेंगे ,लेकिन कुलपति भी दांव –पेच सीख गए हैं ,सो पूरी ढील दे दी है कि उड़ो,देखें कितना उड़ते हो ? कुलपति ने कर्मचारियों के ट्रांसफर भारती के भरोसे छोड़ दिए हैं | भारती ने फेरबदल के लिए एक दो जगह हाथ डाला ,लेकिन दाल नहीं गली ,ऊपर से किरकिरी हुई सो अलग | अब हालात यह हैं कि कुलपति जो बैठक बुला रहे हैं ,उनमें भारती जाते नहीं हैं और भूले –भटके पहुँच गए तो कोई भी टल्ला मारकर निकल जाते हैं | कुलपति से बिगड़ी सो बिगड़ी ,कर्मचारियों से भी उनकी नहीं बन रही | भारती चार बार कर्मचारी /नेताओं से उलझ चुके हैं | आरएसी में गड़बड़ी को लेकर छात्र उनसे मिलने गए थे तो उन्होंने छात्रों को हड्काकर भगा दिया था और धमकी दी थी कि एफ़आईआर करा देंगे | बाद में जब छात्र पंकज भार्गव टंकी पर चढ़ गया तो सफाई दी कि उन्होंने तो कर्मचारियों के लिए कहा था | इस पर एक कर्मचारी नेता भड़क गए थे,कितने भड़के थे उसका वीडियो भी madhyuday.com के पास है | बाद में भारती ने माफी माँगी तब मामला जैसे तैसे सुलटा | अभी हाल ही में अकाउंट विभाग की एक महिला कर्मचारी फ़ाइल लेकर उनके पास गई तो उन्होंने फ़ाइल फेंक दी ,उस दिन भी खूब हंगामा हुआ ,बाद में भारती ने माफी मांग ली | अभी तीन दिन पहले दो कर्मचारी नेता उनके पास पहुँच गए | इसमें एक नेता को थोड़ी सी “ लगी “ थी | भारती को खुशबू आई तो वह भड़क गए ,सस्पेंड की धमकी देने लगे ,लेकिन माहौल देखकर सांप सूंघ गया और एक दूसरे को सॉरी बोलने से बात बन गई |
भारती के मंसूबे सब भांप रहे हैं ,नजर भी एक –एक काम पर लगी है | चौदह लाख हर माह खर्च करने के बाद विश्वविधालय की सुरक्षा तो पहले से ही राम भरोसे थी | पहले चौदह पेटी ठेकेदार को तब मिलते थे जब पांच –छः “पेटी” माल ठेकेदार खर्च करता था | अब भारती नें ही फ़ाइल एक तरफ फ़ेंक दी थी | दो बार ठेकेदार मिला , भोपाल में काम देखने वाला लोकल ऑफिस बियरर कोई झा साहब ने तीन –चार बार हाजिरी बजाई ,तब मामला सेट हुआ | फ़ाइल चल पड़ी है ,लेकिन वेतन नहीं मिला सो सुरक्षा कर्मचारी सब छोड़ गए हैं | दस –बारह सुरक्षा कर्मचारी बचे हैं | बिल तो इस महीने भी नब्बे का ही बनेगा ,भले ही दस –बारह बचे हैं | एक और मामले को लेकर विश्वविधालय के गलियारों में कानाफूसी है | यूटीडी के एक हेड को भारती ने संदेश भिजवा दिया है कि उसकी फाइलें तब होंगी ,जब वह एक हॉस्टल में कार्यरत महिला कर्मचारी का पढ़ाने के लिए इन्पेनलमेंट कर देंगी | कर्मचारी विवादस्पद है और नियम -कायदे भी इजाजत नहीं देते ,सो हेड सांसत में है | अब देखो आगे –आगे क्या गुल खिलते हैं | नजर लगाए रखो मेरे प्यारे खबरी लालो | आपकी ख़बरें एक दिन जरूर रंग लाएंगी|