-श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का स्वरूप आया सामने
– मंडलायुक्त ने छोड़ा रिसीवर का चार्ज,
ट्रस्टी विमिलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को सौंपी चल अचल सम्पत्ति
लखनऊ, 05 फरवरी । अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन की घोषणा के साथ ही इसका स्वरूप सामने आ गया है। इसके बाद परिसर के रिसीवर अयोध्या के मंडलायुक्त ने अधिग्रहीत भूमि मंदिर निर्माण के लिए नवगठित ट्रस्ट को सौंप दी है। मंडलायुक्त ने अपना प्रभार भी ट्रस्ट के प्रतिनिधि के तौर पर राजा अयोध्या विमलेंद्र मोहन मिश्र को सौंपा है। अभी तक मंडलायुक्त अधिग्रहीत परिसर के कस्टोडियन थे।
श्रीरामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर अधिग्रहीत की गई चल अचल संपत्तियों समेत रामलला को चढ़ावे के रूप में प्राप्त हुई धनराशि, सोना-चांदी को हस्तांरित किया गया। चढ़ावे में धातुएं जिस रूप में प्राप्त हुई हैं, उसी रूप में राजकीय कोषागार अयोध्या में संरक्षित हैं। यह कार्रवाई कमिश्नर आवास पर अधिग्रहीत परिसर के रिसीवर व मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल ने की। ट्रस्ट की सभी संपत्तियों पर कब्जा देने के साथ इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन ने गृह मंत्रालय भारत सरकार को भेज दी गई है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपी गई संपत्तियों की बात करें तो अचल संपत्ति में अधिगृहीत क्षेत्र अयोध्या को कब्जे में लेकर तैयार इन्वेंट्री -भारतीय स्टेट बैंक शाखा अयोध्या बचत खाता संख्या-10294091088 में जमा 28110264.83 रुपये हैं। सावधि जमा में भारतीय स्टेट बैंक शाखा अयोध्या -87 फिक्स डिपॉजिट 87554058 रुपये हैं। इसके साथ ही धातुओं में राजकीय कोषागार अयोध्या में रखा गया सोना 230.42 ग्राम, चांदी-50 19.98 ग्राम व अन्य 1531.52 ग्राम हैं।
केन्द्र सरकार की ओर से बनाये गये ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य बनाये गये हैं। इनमें 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य हैं। इस ट्रस्ट की निगरानी में ही अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण होगा। के.परासरन ट्रस्ट के अध्यक्ष बनाये गये हैं। के परासरन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता है। वह पिछले दस साल से राम मंदिर का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे थे। 9 नवम्बर को 2019 जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया उस समय भी परासरन ही राम मंदिर की तरफ से अधिवक्ता थे।
इसके अलावा शंकराचार्य वासुदेवानंद महाराज, परमानंद जीमहाराज हरिद्वार, स्वामी गोविंदगिरी जी पुणे, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, डॉ. अनिल मिश्रा होम्योपैथिक, डॉ. अयोध्या, डॉ. कमलेश्वर चौपाल पटना, महंत धीनेद्र दास निर्मोही अखाड़ा और अयोध्या के जिलाधिकारी ट्रस्ट के संयोजक सदस्य बनाये गये हैं। इसके अलावा ट्रस्ट में 6 नामित सदस्य भी होंगे, जिन्हें बोर्ड ऑफ ट्रस्ट नामित करेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है।
प्रधानमंत्री के बुधवार को संसद में इस बात की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रभु श्री राम के जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर बनाने के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट का गठन करने के लिये कोटिशः धन्यवाद।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट पूरी तरह स्वतंत्र एवं मंदिर निर्माण से संबंधित सभी निर्णय लेने में सक्षम होगा। उन्होंने ट्वीट के अन्त में ‘जय श्री राम’ भी लिखा।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार को मस्जिद के लिए पांच एकड़ भूमि भी आवंटित कर दी। यह भूमि अयोध्या में जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूरी पर ग्राम धन्नीपुर, तहसील सोहावल में थाना रौनाही के लगभग 200 मीटर पीछे भूमि का आवंटित की गई है।हिस