नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और एनपीआर को लेकर दाखिल नई याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
याचिका में कहा गया है कि आधार में डाटा की सुरक्षा की गारंटी है लेकिन एनपीआर के तहत संग्रह की जाने वाली जानकारी के दुरुपयोग होने की आशंका है। याचिका में कहा गया है कि इस डाटा से नागरिकों की निगरानी की जाएगी और इससे उनकी निजता का उल्लंघन हो सकता है।
पिछले 22 जनवरी को नागरिकता संशोधन अधिनियम पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले पर पांच जजों की बेंच सुनवाई करेगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने असम से संबंधित याचिकाओं पर जवाब देने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चार हफ़्तों के बाद वो एक दिन तय करेंगे जिसके बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर रोजाना सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के अलग-अलग हाईकोर्ट में सीएए के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर कोई भी आदेश जारी करने पर रोक लगा दिया था। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल तमाम हाइकोर्ट में सीएए के खिलाफ दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी।
आज ही असम के पहले ट्रांसजेंडर जज स्वाति बिधान बरुआ की एनआरसी से ट्रांसजेंडरों को बाहर रखने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और असम सरकार को नोटिस जारी किया है।