नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस के मौके पर दिए जाने वाले पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है. इस बार 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 16 को पद्म भूषण और 118 को पद्मश्री पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है. पद्म विभूषण पाने वालों में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का भी नाम है.
वहीं पीवी सिंधु और मनोहर पर्रिकर को पद्म भूषण से नवाजा जाएगा. 118 हस्तियों को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जिनमें लंगर बाबा जगदीश लाल आहूजा, सामाजिक कार्यकर्ता जावेद अहमद टेक, सामाजिक कार्यकर्ता सत्यनारायण मुनडयूर, सामाजिक कार्यकर्ता एस रामकृष्ण, सामाजिक कार्यकर्ता योगी एरोन को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. वहीं, 1984 भोपाल गैस त्रासदी के कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार को भी मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा जाएगा.
इन 7 शख्सियतों को पद्म विभूषण : जॉर्ज फर्नांडिस (मरणोपरांत), अरुण जेटली (मरणोपरांत), सर अनिरुद्ध जुगनाथ, एमसी मैरी कॉम, छन्नूलाल मिश्रा, सुषमा स्वराज (मरणोपरांत), पेजावरा मठ के महंत श्री विश्वेशातीर्थ (मरणोपरांत).
पद्म भूषण से नवाजी जाएंगी ये 16 हस्तियां : मुमताज अली, सैयद मुआजेम अली (मरणोपरांत), मुजफ्फर हुसैन बेग, अजय चक्रवर्ती, मनोज दास, बालकृष्ण दोषी, कृष्णाम्मल जगन्नाथन, एससी जमिर, अनिल प्रकाश दोषी, सेरिंग नंडोल, आनंद महिंद्रा, नीलकंठ रामकृष्ण माधव मेनन (मरणोपरांत), मनोहर पर्रिकर, प्रो जगदीश सेठ, पीवी सिंधु, वेणु श्रीनिवासन
इन 118 हस्तियों को पद्मश्री
1. गुरु शशधर आचार्य
2. डॉ. योगी एरोन
3. जय प्रकाश अग्रवाल
4. जगदीश लाल आहूजा
5. काजी मासूम अख्तर
6. ग्लोरिया एरीरा
7. खान जहीरखान बख्तियारखान
8. डॉ. पद्मावती बंदोपाध्याय
9. डॉ. सुषोवन बनर्जी
10. डॉ. दिगंबर बेहरा
11. डॉ. दमयंती बेसरा
12. पवार पोपटराव भागूजी
13. हिम्मता राम भांभू
14. संजीव बाखचंदानी
15. गफूरभाई एम. बिलाखिया
16. बॉब ब्लैकमैन
17. इंदिरा पी. पी. बोरा
18. मदन सिंह चौहान
19. उषा चूमर
20. लील बहादुर चेत्री
21. ललिता और सरोजा चिदंबरम (संयुक्त रूप से)
22. डॉ. वजिरा चित्रसेन
23. डॉ. पुरुषोत्तम दाधीच
24. उत्सव चरण दास
25. प्रो. इंद्र दासनायके (मरणोपरांत)
26. एच. एम. देसाई
27. मनोहर देवदास
28. ओइनम बेमबेम देवी
29. लिया डिस्किन
30. एम. पी. गणेश
31. डॉ. बैंगलोर गंगाधर
32. डॉ. रमन गंगाखेडकर
33. बैरी गार्डिनर
34. चेवांग मोटुप गोबा
35. भरत गोयनका
36. यदला गोपालराव
37. मित्राभानु गोटिया
38. तुलसी गौडा
39. सुजॉय के. गुहा
40. हरेकला हजबा
41. इनामुल हक
42. मधु मंसूरी हसमुख
43. अब्दुल जब्बार (मरणोपरांत)
44. बिमल कुमार जैन
45. मीनाक्षी जैन
46. नेमनाथ जैन
47. शांति जैन
48. सुधीर जैन
49. बेनीचंद्र जमातिया
50. के. वी. संपत कुमार और सुश्री विदुषी जयलक्ष्मी के. एस. (संयुक्त रूप से)
51. करण जौहर
52. डॉ. लीला जोशी
53. सरिता जोशी
54. सी. कमलोवा
55. डॉ. रवि कन्नन आर.
56. एकता कपूर
57. यज्दी नौशीरवान करंजिया
58. नारायण जे. जोशी करयाल
59. डॉ. नरिंदर नाथ खन्ना
60. नवीन खन्ना
61. एस.पी. कोठारी
62. वी. के. मुनुसामी कृष्णपक्ष
63. एम. के. कुंजोल
64. मनमोहन महापात्रा (मरणोपरांत)
65. उस्ताद अनवर खान मंगनियार
66. कट्टंगल सुब्रमण्यम मणिलाल
67. मुन्ना मास्टर
68. अभिराज राजेंद्र मिश्रा
69. बिनापानी मोहंती
70. डॉ. अरुणोदय मोंडल
71. डॉ. पृथ्वींद्र मुखर्जी
72. सत्यनारायण मुनदूर
73. मणिलाल नाग
74. एन. चंद्रशेखरन नायर
75. डॉ. टेट्सु नाकामुरा (मरणोपरांत)
76. शिव दत्त निर्मोही
77. पु ललिबक्थंग पचुअउ
78. मुजिक्कल पंकजाक्षी
79. डॉ. प्रशांत कुमार पट्टनायक
80. जोगेंद्र नाथ फुकन
81. रहिबई सोमा पोपेरे
82. योगेश प्रवीण
83. जीतू राय
84. तरुणदीप राय
85. एस. रामकृष्णन
86. रानी रामपाल
87. कंगना रनौत
88. दलवई चलपति राव
89. शाहबुद्दीन राठौड़
90. कल्याण सिंह रावत
91. चिंताला वेंकट रेड्डी
92. डॉ. शांति रॉय
93. राधमोहन और साबरमती (संयुक्त रूप से)
94. बटाकृष्ण साहू
95. ट्रिनिटी साइओ
96. अदनान सामी
97. विजय संकेश्वर
98. डॉ. कुशाल कोंवर सरमा
99. सईद महबूब शाह कादरी उर्फ सईदभाई
100. मोहम्मद शरीफ
101. श्याम सुंदर शर्मा
102. डॉ. गुरदीप सिंह
103. रामजी सिंह
104. वशिष्ठ नारायण सिंह (मरणोपरांत)
105. दया प्रकाश सिन्हा
106. डॉ. सैंड्रा देसा सूजा
107. विजयसारथी श्रीभाष्यम
108. काले शबी महबूब और शेख महबूब सुबानी (संयुक्त रूप से)
109. प्रदीप थलप्पिल
110. जावेद अहमद टाक
111. येशे दोरजी थोंग्ची
112. रॉबर्ट थुरमन
113. अगुस इंद्र उदयन
114. हरीश चंद्र वर्मा
115. सुंदरम वर्मा
116. डॉ. रोमेश टेकचंद वाधवानी
117. सुरेश वाडकर
118. प्रेम वत्स
जगदीश आहूजा को लंगर के लिए जाना जाता है. वह रोजाना पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ में गरीब मरीजों और उनके तीमारदारों को फ्री में भोजन मुहैया कराते हैं. साथ ही मरीजों को आर्थिक सहायता से लेकर कंबल और कपड़े तक अन्य सहायता मुहैया कराते हैं. उन्होंने 1980 के दशक में मुफ्त भोजन परोसना शुरू कर दिया था. वह वर्ष 2000 में PGIMER चल आए थे और वहीं 15 सालों तक रोजाना 2,000 से अधिक लोगों की सेवा कर रहे हैं.
मोहम्मद शरीफ को चाचा शरीफ भी कहा जाता है. इन्होंने पिछले 25 सालों में फैजाबाद और उसके आस-पास 25,000 से ज्यादा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया है. इन्होंने कभी भी धर्म के आधार पर अंतर नहीं किया, बल्कि व्यक्ति के धार्मिक मान्यताओं के आधार पर अंतिम संस्कार करते आए हैं.
तुलसी गोडा लगा चुकी हैं हजारों पौधे : तुलसी गोडा एक नामी भारतीय पर्यावरणविद् है. इन्हें Encyclopedia of Forest कहा जाता है. तुलसी गोडा पिछले 60 सालों में हजारों पौधे लगा चुकी हैं. वे निरक्षर हैं, हालांकि उन्होंने पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में अहम योगदान दिया है. उनके काम को सरकार और कई संगठनों ने सम्मानित भी किया है.