भोपाल, 20 मार्च, 2023,
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री  कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखकर अन्नदाता किसान भाईयों की फसलों को प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति के नुकसान के लिए राहत राशि प्रदान किये जाने का अनुरोध किया है।
नाथ ने पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश के अन्नदाता किसान भाई प्राकृतिक आपदा की गंभीर मार से पीड़ित है। विगत एक पखवाड़े में प्रदेश के लगभग सभी अंचलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हुई है। प्रदेश के मालवा, निमाड़, बुुन्देलखण्ड, महाकौशल एवं नर्मदापुरम के अनेक जिलों में प्राकृतिक आपदा घटित हुई है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण किसान भाईयों की रबी क गेहूं, जौ, चना, मटर, सरसों, अलसी, धनिया, इसबगोल आदि फसलें, जो खेत में खड़ी थी अथवा थ्रेसिंग के लिये खेत में कटी रखी थी. खराब हो गई है एवं किसान भाईयों को भारी नुकसान हुआ है। फसलों के नुकसान से प्रदेश के किसान भाई पीडित एवं चिंताग्रस्त है, परन्तु सरकार की ओर से अब तक कोई राहत प्रदान नहीं की गई है। विगत 15 दिवसों से सरकार केवल सर्वे कार्य के झूठे आश्वासन, घोषणा एवं भाषण में लगी हुई है, परन्तु आज तक एक भी किसान भाई को राहत राशि वितरित नहीं की गई है और परिपाटी अनुसार नाम मात्र के पास बीमा के क्लेम के महीनों तक मिलने की उम्मीद नहीं है।
नाथ ने कहा कि राजस्व पुस्तक परिपत्र का मूल उद्देश्य प्राकृतिक आपदा में तत्काल सहायता के रूप में राहत राशि को प्राकृतिक आपदा घटित होने के तत्काल बाद वितरित किया जाना है, परन्तु 15 दिवस तक यदि सर्वे का कार्य ही पूर्ण न हो और राहत राशि का वितरण न हो पाये तो यह सम्पूर्ण कवायद व्यर्थ है। राहत राशि वितरित नहीं होने के कारण प्रदेशभर के किसान भाईयों में व्यापक रोष है और सरकार द्वारा अब किसानों की पीड़ा को बढ़ाने के लिये बकाया विद्युत देयकों की वसूली के लिये कुर्की की कार्यवाहियां की जा रही है। फसल को जमा करने की अंतिम तिथि 28 मार्च, 2023 नियत कर ऋण वसूली की कार्यवाही की जा रही है जबकि रबी का उपार्जन अभी प्रारंभ नहीं हुआ है। आपदा से पीड़ित किसान भाईयो को सरकार द्वारा और अधिक पीड़ित किया जा रहा है जबकि सरकार को इस समय खुले मन से मदद के साथ आगे बढ़ाते हुये तत्काल सहायता वितरित करनी चाहिये थी। आज किसान भाईयों को तत्काल सहायता की आवश्यकता है।
नाथ ने पत्र में कहा कि किसान भाईयों की क्षति हुई फसलों की राहत राशि का वितरण अविलम्ब प्रारंभ कराये जाने एवं बकाया बिजली बिल और फसल ऋण की वसूली की कार्यवाही को स्थगित करते हुये, उन पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेकर किसानों को राहत प्रदान करें।  

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