वन्दे मातरम् – माँ भारती का आत्मस्वर !

    भारत के सांस्कृतिक इतिहास में कुछ ऐसे क्षण हैं, जो केवल घटनाएँ नहीं, आत्मा के जागरण के क्षण बन गए हैं। सन् १८७५- ७६ के लगभग रचित “वन्दे…