मनुष्य जीवन का ध्येय विश्व का कल्याण ही होना चाहिए। यही सनातन विचारधारा भी है।
_ जब तक दूसरे सुखी नहीं होंगे हम सुखी नहीं हो सकते। इसलिए सब सुखी हों, सब स्वस्थ हों, सबका कल्याण हो। हमारे धर्म ग्रन्थों में कहां भी गया है – *सर्वे भवन्तु सुखिनः* जीवन का ध्येय अनेक शब्दों में कहा जाता है। जैसे स्वतन्त्रता, मुक्ति, ईश्वरप्राप्ति, दुःखनाश, यश, वैभव, सुख आदि ।…