अपेक्षा ही दुख की जननी हैं ।

    जब-जब हमारी दृष्टि अभाव की ओर जायेगी, तब-तब जीवन में अशांति का प्रवेश एवं मन में उद्वेग होगा। आज हमारी स्थिति यह है कि जो हमे प्राप्त है…