आरएसएस विद्या भारती ने रखी राष्ट्रीयता, पराक्रम शिक्षा की नींव
डॉ. दीपक राय, भोपाल। विष्णुपुराण में कहा गया है– तत्कर्म यन्न बंधाय सा विद्या या विमुक्तये। आया साया परं कर्म विद्यान्या शिल्प नैपुणम्।। अर्थात् कर्म वही है जो बंधनों से मुक्त करे और विद्या वही है जो मुक्ति का मार्ग दिखाए। इसके अतिरिक्त जो भी काम हैं, वे सब निपुणता देने वाले मात्र हैं।…