परिप्रेक्ष्यों का टकराव: मीडिया, राजनीति और सार्वजनिक राय की जटिलता
*परिप्रेक्ष्यों का टकराव: मीडिया, राजनीति और सार्वजनिक राय की जटिलता* जब भी पत्रकरिता, समाचार, रिपोर्टिंग की बात आती है, तो हर किसी को खुश करना एक असंभव कार्य है। प्रत्येक समाचार, ख़बर, लेख, रिपोर्ट, कहानी के अपने आलोचक और समर्थक होते हैं। जब कोई खबर सरकार के पक्ष में होती है तो विपक्ष उसे पक्षपातपूर्ण…