चर्चा में चीते…राजनीति के आगे बेबस…
अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं!आपको शायद याद भी होगा!श्रीमुख से एक नया डायलॉग निकला था – अब तक कबूतर छोड़े जाते थे..अब चीते छोड़े जाते हैं! नही याद आया..? चलिए हम आपको याद दिला देते हैं! हुजूर का अवतरण (17 सितंबर) दिवस था।इस ऐतिहासिक मौके पर अपने एमपी में भी एक अलौकिक आयोजन…