क्या लाक डाउन ही बचा विकल्प?

अर्थव्यवस्था और व्यापार सम्हल ही रहे थे कि फिर आ गई कोरोना की तीसरी लहर. कितनी भी समझाइश दो, शिक्षा दो, ज्ञान बांटों लेकिन देश विदेश कहीं भी फर्क नहीं…