भाजपा अपने ही मुद्दे से हो गयी गुमराह,जनता बेपरवाह
इंदौर। मुझे भाजपा या कांग्रेस से कोई इत्तेफाक नही,लेकिन भाजपा ने 2014 में जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ा,जनता ने उन्हें इन्ही मुद्दों से निपटने के लिए मत देते हुए विश्वास जताया, भाजपा उन्ही मुद्दों को भूल गयी है। 2014 के बाद से तो मानो यूँ लग रहा है की भारतीय हर एक इंसान (हाँ कुछ मजे लूट रहे है। उन्हें कोई फर्क नही पड़ रहा है।) उन्हें छोड़कर सभी जीवन ऐसे जी रहा है कि मानो उसका जीवन चल नही रहा,रेंग रहा हो। देश मे भाजपा ने जिन महंगाई, पेट्रोल-डीजल, गैस सिलेंडर,आटा, दाल,शकर,तेल, की कीमतों को लेकर चुनाव जीत लिया। भारतीय जनता पार्टी उन्ही मसलों को भूलती जा रही है। जबकि कुछ तथाकथित लोग इन नाकामियों को भी उपलब्धि गिनाने से बाज़ नही आ रहे है। देशभर की जनता 2014 में जिस डायन से तंग थे, तो 2014 के बाद उस डायन के खात्मे की बजाय डायन के बच्चे जन्म ले लिए है। हर किसी क्षेत्र में इस डायन के पुत्रो ने कोहराम मचा रखा है। लेकिन दुख इस बात का की अभी भी नाकामयाबी,को उपलब्धि बताना,जारी है। यक़ीनन देश गर्त में जा रहा है। आखिर में यही बात की जब देशवासी नही होंगे,वह भूखों मरेंगे,रोजगार नही होगा, तो पाकिस्तान, बांग्लादेश, चायना,श्रीलंका,अफगानिस्तान, काबुल,न जाने कितने भी देश पर झंडा लहरा दे,लेकिन उनका पालन पोषण करेगा कौन। इसलिए पहले अपने देश की जनता की सोचिए,बाद में जो होगा देखा जाएगा।
अमित त्रिवेदी, वरिष्ठ पत्रकार, इंदौर