हल चर्चाओं में है शराब कंपनी के मालिक द्वारा प्रदूषण मण्डल आरओ की सुरक्षाकर्मियों से पीटाई की खबर चुप्प क्यों सरकार,प्रशासन ? 

हल चर्चाओं में है शराब कंपनी के मालिक द्वारा प्रदूषण मण्डल आरओ की सुरक्षाकर्मियों से पीटाई की खबर चुप्प क्यों सरकार,प्रशासन ?

भोपाल।(हिन्द न्यूज़ सर्विस)। मध्यप्रदेश की डबल इंजन की भाजपा सरकार के मुखिया डॉ. मोहन यादव की सरकार में इस समय दो ही मुद्दे छाये हुए हैं एक वर्षों से जिन परिवहन चौकियों से अवैध वसूली का खेल चल रहा था उस मामले में पकड़े गए परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का मामला उजागर होने के बाद जिस तरह से नित्य नये-नये मामलों का खुलासा हो रहा है, उन संस्थाओं के कर्ताधर्ताओं को इस बात की संतुष्टि है कि उन्होंने जो नीमच के नयागांव बैरियर पर नीमच के तत्कालीन कलेक्टर नंदकुमारम से विनती करके नयागांव बैरियर पर चल रहे परिवहन चौकियों परिवहन चालकों से अवैध वसूली के खेल का खुलासा किया था लेकिन उस समय इस मामले को नीमच के तत्कालीन कलेक्टर नंदकुमारम द्वारा अपने यहां के बैरियर नयागांव पर छापा पड़वाकर जब इसकी सारी रिपोर्ट लोकायुक्त भेजकर यह उम्मीद जाहिर की थी कि वह इस भ्रष्टाचार की और जांच करें मगर जैसा कि लोकायुक्त में होता आया है कि भ्रष्टाचार को दबाना और यदि पकड़ा गया तो उस मामले को रफादफा करना इस तरह के मामलों का खुलासा ग्वालियर हाईकोर्ट द्वारा कई बार अपने आदेश में कहा गया कि लोकायुक्त ने इस मामले में छानबीन में गड़बड़ी की है आदि, लोकायुक्त में इस तरह का केस दबाने और भ्रष्ट लोगों को उजागर नहीं करने के कई मामले ग्वालियर हाईकोर्ट के संज्ञान में आकर प्रकाश में आये हैं। इसी तरह का नीमच के नयागांव बैरियर पर तत्कालीन कलेक्टर नंदकुमारम द्वारा कराई गई छापे की कार्यवाही की रिपोर्ट जब लोकायुक्त के डीजी को भेजी गई तो मजे की बात यह है कि नंदकुमारम का वह पत्र लोकायुक्त डीजी को प्राप्त ही नहीं हुआ पता नहीं कौन ने गायब कर दिया? इस बात को लेकर आज भी नीमच के वह आम आदमी पार्टी के नेता नवीन कुमार अग्रवाल और उनके सहयोगी इस खोल में लगे हुए हैं हालांकि उन्होंने लोकायुक्त के यहां से सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी प्राप्त कर ली है कि उन्हें नंदकुमारम का नयागांव परिवहन चौकी पर पड़े छापे के संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। ठीक यही स्थिति इन दिनों मध्यप्रदेश के शराब कंपनी के मालिक द्वारा अपने सुरक्षा कर्मियों के द्वारा मध्यप्रदेश प्रदूषण मण्डल बोर्ड के आरओ जिनकी कलाकारी से इस मध्यप्रदेश में इस समय ठीक लगभग वैसा ही प्रदूषण फैल रहा है जैसा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में फैल रहा है लेकिन मजे की बात यह है कि भाजपा के नेता केजरीवाल की सरकार में दिल्ली में फैले वायु प्रदूषण को लेकर तो हो हल्ला कर रहे हैं, लेकिन इसी मप्र में कोई दिल्ली से कम आबोहवा खराब नहीं है? लेकिन इस मामले में कोई मुंह नहीं खोल रहा है, क्योंकि यह मामला भाजपा की डबल इंजन की सरकार का मामला है जिसमें प्रदूषण मण्डल के आरओ की कारस्तानी की बदौलत इंदौर में जहां इतना वायु प्रदूषण खराब है कि वहां प्रतिवर्ष दो हजार लोगों की असामायिक मौत प्रतिवर्ष होती है? लेकिन मजे की बात यह है कि उस जिले के प्रभारी मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव हैं और वहां के आरओ अपने आपको प्रदेश के इसी सरकार के उपमुख्यमंत्री के साथ पढ़ाई करने की इतनी दबंगाई दिखा रहे हैं कि वह अपने आपको उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला से कम नहीं समझ रहे हैं? तभी तो इंदौर और उसके आसपास पीथमपुर, देवास ही नहीं बल्कि वह आदिवासी बाहुल्य जिला झाबुआ के मेघनगर इंडस्ट्रीज एरिया की प्रदूषण के मामले की यह हालत है कि वहां के ग्रामीण तमाम बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं? यह मेघनगर का इंडस्ट्रीज एरिया पीथमपुर के प्रदूषण निवारण मण्डल बोर्ड के आरओ के भरोसे है? लेकिन मजे की बात यह है कि जब इस संबंध में जानकारी ली जाती है तो वह कहते हैं कि सब ठीकठाक है, यही स्थिति धार व पीथमपुर की भी है लेकिन इन सबसे मजेदार मामला तो यह है कि इस प्रदेश में जहां शराब कारोबारियों के साथ गलबहियां करके इस सरकार के आबकारी मंत्री ने अपनी कार्यशैली से शराब को इस प्रदेश में घर पहुंच सेवा बनाकर रख दिया है? उसके कारण शराब कारोबारियों के दिमाग आसमान पर हंै इसका एक एक मामला इन दिनों बहुत चर्चाओं में बना हुआ है जिस मामले को लेकर इस सरकार की दबंगाई भी लोगों को समझ में आ रही है, जिस सरकार के मुखिया डॉ. मोहन यादव के बारे में यह कहते हैं कि वह मध्यप्रदेश का नाना पाटेकर हैं, इसी बात को लेकर प्रदेश के आम नागरिकों में इस बात की चिंता की जा रही है कि जब हमारे मुख्यमंत्री को उनके सहयोगी इस प्रदेश का नाना पाटेकर मानकर चलते हैं तो फिर इस स्थिति में वह भ्रष्ट अधिकारी जिन्होंने इन्हीं के शासनकाल के एक साल में लगभग १०० करोड़ रुपये की रिश्वत का लेनदेन किया और वहीं इस प्रदेश में शराब कंपनी के कारोबारी और माफियाओं की इतनी जुर्रत कि वह अपने क्षेत्र में अवैध शराब तो बेचने का काम करते ही हैं जिसकी वजह से प्रदेश में शराब ने घर पहुंच सेवा का रूप ले लिया है? लेकिन अब वह इस प्रदेश के प्रदूषण को ठीक करने वाले लोगों की पिटाई करने लगे और सरकार ने जिस आरओ की पिटाई हुई वह भी चुप और सके साथ सरकार भी चुप क्यों है, इस बात को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं, शराब कारोबारी तो यह दबंगता से कह रहा है कि नहीं हमने नहीं पिटवाया जबकि लोग बताते हैं कि इस शराब कंपनी के मालिक ने ही अपने सुरक्षाकर्मियों के द्वारा उस प्रदूषण निवारण मण्डल बोर्ड के अधिकारी की दबंगाई बताने वाले प्रदूषण नियंत्रण मण्डल बोर्ड के आरओ की ठकुराई निकलवा दी? लेकिन पिटने के बाद भी उस आरओ की ठकुराई कम नहीं हुई इस बात को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं? लेकिन इस खबर के बाद मध्यप्रदेश के एक शराब कंपनी के कारोबारी ने उनके ही मप्र के प्रदूषण निवारण मण्डल बोर्ड के आरओ की पिटाई अपने सुरक्षाकर्मी से करवा दी और सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है, उस कंपनी के संचालक पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई? जिसको लेकर प्रदूषण निवारण बोर्ड से संबंधित कारोबारियों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं? यह कारोबारी जब उक्त आरओ के कार्यालय में प्रवेश करते ही मप्र के उस शराब कारोबारी द्वारा इन आरओ महोदय की अपने सुरक्षाकर्मी द्वारा ठकुराई कम करने की घटना याद आ जाती है और लोग समझते हैं कि हम पर तो यह इतनी ठकुराई बता रहा है लेकिन जब इसको क्या हो गया था जब शराब कंपनी के मालिक द्वारा अपने सुरक्षाकर्मी से इसकी पिटाई करवा दी थी? इस घटना को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं तो वहीं प्रदेश के कर्मचारियों में इस घटना को लेकर सरकार द्वारा उस शराब कारोबारी पर कोई कार्यवाही न करने को लेकर असंतोष की भावना पनप रही है?

अनिल पुरोहित

 

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