स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर उगला जहर, साधु-संतों को बता दिया आतंकवादी.. नर पिशाच

: समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर सीएम योगी पर चौंकाने वाला बयान दे दिया है. उत्तर प्रदेश बहराइच में उन्होंने कहा कि आतंकवादी और नर पिशाच संत का भेष धारण किए हुए हैं.

बाबा जी की सरकार में सभी बाबाओं की बल्ले-बल्ले. मौर्य के बयान ने नए सियासी विवाद को जन्म दे दिया है. भाजपा नेता मौर्य पर जमकर पलटवार कर रहे हैं.

अपने बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य बहराइच में जगदगुरु परमहंस आचार्य के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. हाल ही में जगदगुरु परमहंस आचार्य ने स्‍वामी प्रसाद मौर्य का सिर कलम करने वाले को 25 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी. जिसपर मौर्य ने कहा कि यूपी की योगी सरकार में अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं. बाबाओं के भेष में अपराधी मौज काट रहे हैं.

सपा नेता ने आगे कहा कि यूपी में बाबा जी की सरकार में बाबाओं की बल्ले-बल्ले है. यही कारण है कि साधु, संत और संन्यासी का भेष धारण कर अपराधियों का हौसला बुलंद है. इन्हें (साधु-संत) पता है मौजूदा सरकार में उन्हें कोई हाथ भी नहीं लगा सकता. इसका ही नतीजा है कि एक बाबा ने 25 करोड़ के इनाम की घोषणा कर मुझे मारने की योजना तैयार की है.

अयोध्या के संत परमहंस आचार्य के बारे में आपको बता दें कि वे सनातन पर विवादित बयान देने वालों के खिलाफ हमेशा मुखर रहते हैं. पिछले महीने ‘सनातन धर्म’ के खिलाफ डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा विवादित टिप्पणी दिए जाने पर आचार्य ने कहा था कि उनका (स्टालिन) सिर काटने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम देंगे. इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि अगर किसी यह काम नहीं हुआ तो वे खुद स्टालिन को खोजेंगे और उन्हें मार डालेंगे.

परमहंस आचार्य अयोध्या के तपस्वी छावनी मंदिर के मुख्य पुजारी हैं. परमहंस आचार्य मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, लेकिन उनके माता-पिता मध्यप्रदेश चले गए थे. बचपन से ही परमहंस भी अपने माता-पिता के साथ मध्यप्रदेश के सीधी जिले में रहने लगे. करीब 33 से 34 साल पहले परमहंस का परिवार अयोध्या में गोपाल दास जी महाराज के मंदिर में आया था. उस समय परमहंस केवल 17 वर्ष के थे. परमहंस वापस नहीं गए और सरयू के किनारे एक झोपड़ी में रहने लगे और गोपाल दास को अपना गुरु बना लिया.

2020 में आचार्य ने यह घोषणा करके सुर्खियां बटोरीं कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2021 तक भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया तो वह सरयू नदी में ‘जल समाधि’ ले लेंगे.

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