स्मार्ट मीटर : छेड़खानी करने पर बिजली कंपनी के कंट्रोल रूप में देगा जानकारी,

 चोरी भी रोकेगा

आने वाले समय में बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाना है। आरडीएसएस योजना के तहत स्मार्ट मीटर, नए सब स्टेशन, पॉवर ट्रांसफार्मर और अन्य व्यवस्थाओं के कार्य जिले में किए जाना है। बिजली सब स्टेशन, पॉवर ट्रांसफार्मर लगाने आदि कार्य के जहां टेंडर हो चुके हैं, वहीं अब सिर्फ स्मार्ट मीटर के टेंडर होना बाकी है।

यह टेंडर प्रक्रिया भोपाल एमडी ऑफिस स्तर पर की जाना है। जिले में इस कार्य पर करीब 257.41 करोड़ रुपए की बड़ी राशि खर्च होने का अनुमान है। स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की शुरूआत एचटी उपभोक्ताओं से होगी। इसके बाद एलटी यानी घरेलू उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगेंगे। इसमें अगर किसी ने इसमें छेड़खानी की तो बिजली कंपनी तक मैसेज पहुंच जाएगा।

हालांकि यह काम कब शुरू होगा इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। लेकिन 2025 तक इस काम को अंजाम देना है। जिले में पहले शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर सर्वर से जुड़ा होगा। इसे संबंधित उपभोक्ता के मोबाइल नंबर को रजिस्टर्ड किया जाएगा। इस व्यवस्था से बिजली चोरी पर काफी हद तक लगाम लगेगी। साथ ही बकायादारों से भी निजात मिलेगी। मौजूदा समय में बिजली कंपनी को हर साल लगभग 31 प्रतिशत लाइन लॉस हो रहा है।

मीटर रीडिंग और बिलिंग की प्रक्रिया से मिलेगा छुटकारा

इस नई व्यवस्था में बिजली कंपनी को उपभोक्ताओं के मीटर की रीडिंग और बिलिंग की प्रक्रिया से छुटकारा भी मिलेगा। जबकि मौजूदा समय में मीटर रीडिंग और बिलिंग में बड़ा अमला लगाने के साथ काफी व्यय भी होता है। एकीकृत कंट्रोल रूम से मीटर नियंत्रित होंगे।

बकाया बिल जमा नहीं करने पर कंट्रोल रूम से बिजली सप्लाई काट दी जाएगी। विभाग का दावा है कि इस व्यवस्था से बिजली चोरी पर लगाम पूरी तरह से कस जाएगी। बकायादारों से भी निजात मिलेगी। स्मार्ट मीटर लगने के बाद मोबाइल फोन और डीटीएच की तर्ज पर उपभोक्ताओं को बिजली बिल भरने होंगे।

सबसे पहले शुरुआत शहरी क्षेत्र से
जिले में नए स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत शहरी क्षेत्रों से होगी। ये स्मार्ट मीटर शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं के घरों व प्रतिष्ठानों में लगाए जाएंगे। ये अत्याधुनिक मीटर पहले उन स्थानों पर लगाए जाएंगे, जहां लाइन लॉस सबसे अधिक हो रहा है।

केंद्र सरकार की रिवेम्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा खर्च की जाएगी। बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में मीटर लगाने का कार्य कब शुरू होगा यह एमडी ऑफिस से तय होगा। इसमें अभी वक्त भी लग सकता है।

प्रीपेड मोबाइल सिम की तरह काम करेगा स्मार्ट मीटर

नई व्यवस्था के तहत स्मार्ट मीटर प्रीपेड मोबाइल सिम की तरह काम करेगा जो सर्वर से जुड़ा होगा। इसे संबंधित उपभोक्ता के मोबाइल नंबर को रजिस्टर्ड किया जाएगा। मोबाइल पर बिजली खपत की न्यूनतम शेष की जानकारी मैसेज के जरिए मिलती रहेगी।

उपभोक्ता द्वारा भुगतान की गई राशि समाप्त होने के बाद बिजली अपने आप बंद हो जाएगी। बिल का भुगतान पेमेंट गेटवे के जरिए घर बैठे मोबाइल से ही कर सकेंगे। इसके अलावा बिजली सप्लाई प्रभावित होने पर उपभोक्ता को तत्काल जानकारी मिल जाएगी। बिजली बिल के एडवांस पेमेंट की व्यवस्था लागू करने जा रही है।

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