स्कूल जिस बोर्ड से मान्यता प्राप्त है उस बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुसार ही पुस्तकें पढ़ाई जाएं, स्मार्ट क्लास के नाम पर ना ली जाए अतिरिक्त फीस
कलेक्टर विश्वकर्मा की अध्यक्षता में जिले के अशासकीय स्कूलों के संचालकों और प्राचार्यों की बैठक आयोजित
कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा की अध्यक्षता में जिले के अशासकीय विद्यालयों के संचालकों तथा प्राचार्यो और विकासखण्ड स्तरीय विभागीय अधिकारी की बैठक डाइट रायसेन में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, डीपीसी सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में फीस वृद्धि, निजी प्रकाशकों की महंगी पाठ्य पुस्तकें और गणवेश सहित अन्य शैक्षणिक सामग्री स्कूलों द्वारा चिन्हित प्रतिष्ठानों पर ही उपलब्ध होने सहित अन्य बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गईं।
बैठक के प्रारंभ में कलेक्टर विश्वकर्मा ने अशासकीय विद्यालयों के संचालकों तथा प्राचार्यो से उनकी समस्याएं या कठिनाईयां जानी। कलेक्टर ने कहा कि स्कूल जिस बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, उस बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुसार ही पुस्तकें पढ़ाई जाएं। निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें नहीं पढ़ाई जाएं और महंगी पुस्तकें लेने के लिए माता-पिता या अभिभावकों पर दबाव नहीं बनाया जाए। इसके अतिरिक्त कई निजी स्कूल संचालकों द्वारा स्मार्ट क्लॉस के नाम पर अतिरिक्त फीस की वसूली किए जाने की जानकारी संज्ञान में आई है, इस पर भी तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने बच्चों के स्कूल बैग का बोझ करने के भी निर्देश दिए। इसी प्रकार बच्चों की यूनिफार्म इस प्रकार तय की जाए कि 03 साल तक उसे बदलना न पड़े। निजी स्कूल बच्चों व उनको पालकों पर पुस्तक, कापिया, यूनिफार्म किसी दुकान विशेष से ही क्रय करने के लिए दबाव न बनाएं। उन्होंने निजी स्कूलों के संचालकों तथा प्राचार्यो से कहा कि फीस जमा नहीं होने के कारण किसी बच्चे को पढ़ाई से वंचित ना किया जाए।