सीहोर:नेशनल लोक अदालत में तीन करोड़ 39 लाख रुपये से अधिक के 1598 प्रकरणों का हुआ निराकरण

 

 

साल की प्रथम नेशनल लोक अदालत सफलतापूर्वक सम्पन्न

सीहोर, 10 जुलाई 2021,

राष्ट्रीय विधिक प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देश पर सीहोर जिला मुख्यालय सहित सभी तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला न्यायालय में जिला जज  राज्यवर्धन गुप्ता ने द्वीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अपर जिला न्यायाधीश एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव  मुकेश कुमार दांगी सहित अन्य जज एवं अधिवक्ता उपस्थित थे।

नेशनल लोक अदालत मे 1598 प्रकरणों का हुआ निराकरण

अपर न्यायाधीश एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव  मुकेश कुमार दांगी ने जानकारी दी कि वर्ष की प्रथम नेशनल लोक अदालत में कुल 1598 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें रूपये 3,39,57,501 समझौता राशि जमा हुई। नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण करने 19 खण्डपीठें गठित की गई। खण्डपीठों में नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निराकरण के लिए न्यायालय में लंबित 2868 प्रकरण रखे गए थे जिनमें से 528 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर होकर समझौता राशि 2 करोड़, 13 लाख, 4 हजार, 55 रूपयें जमा कराई गई। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत की खण्डपीठ के समक्ष कुल प्रिलिटिगेशन 11475 प्रकरण रखे गए थे जिनमें से 1070 प्रकरणों का निराकरण होकर समझौता राशि 1 करोड़, 38 लाख, 23 हजार, 446 रूपयें जमा कराई गई। नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण कराने आए पक्षकारों एंव अभिभाषक में उत्सुकता देखी गई।

पांच साल से लंबित मामले का हुआ निराकरण, मामले के निपटारे के बाद दोनों पक्षों के लोग खुश होकर घर लौटे

नेशनल लोक अदालत में 5 साल से लंबित मामले का हुआ निराकरण। जिला एवं सत्र न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुश्री के.शिवानी के न्यायालय में 5 वर्ष से लंबित प्रकरण में पक्षकारगण रामनारायण वर्मा एवं लखनलाल परमार का विवादित 50 लाख रूपये के चेक के प्रकरण का राजीनामा द्वारा निराकरण करा लिया गया। उल्लेखनीय है कि प्रकरण वर्ष 2016 से न्यायालय में लंबित था।

इस मामले में दोनों पक्षकारों के अधिवक्ता  देवेन्द्र वर्मा एवं  जितेन्द्र व्यास द्वारा दोनों पक्षकारों के बीच में चर्चा कराकर लम्बें समय से लंबित प्रकरण का निराकरण कराया। दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति हुई और दोनों पक्षों के लोग खुश होकर अपने घर लौट गए।

 

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