नई दिल्ली, 25 अक्टूबर । रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 70वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ज्ञान के प्रसार में सराहनीय कोशिशों, कृषि क्षेत्र में आईटी के जुड़ते नए आयाम से रोशन होती जिंदगी और सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर उन्होंने सभी देशवासियों को विजयादशमी यानि दशहरे पर्व पर सभी लोगों को शुभकामनाएं दी। कोरोना काल के मद्देनजर उन्होंने लोगों को सवाधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सभी बहुत संयम के साथ जी रहे हैं, मयार्दा में रहकर पर्व, त्योहार मना रहे हैं, इसलिए जो लड़ाई देशवासी लड़ रहे हैं उसमें जीत भी सुनिश्चित है।
वोकल फार लोकल
पीएम मोदी ने कहा कि त्योहारों में खरीददारी के लिए लोग वोकल ऑप लोकल का संकल्प लें। बाजार में सामान खरीदते समय स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि लॉकडाउन के समय जिन लोगों ने भी सहयोग किया, उनको त्योहारों में याद किया जाना चाहिए। सफाई कर्मचारी, घरों में काम करने वाले, सब्जी वाले, दूध वाले, सुरक्षा कर्मी जिन लोगों ने लॉकडाउन के कठिन समय में साथ दिया उन्हें त्योहारों में शामिल करने से खुशियां दोगुनी हो जाती हैं। इस मौके पर उन जांबाज सैनिकों को भी याद रखना है जो त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं, उनके सम्मान में लोगों को एक दिया जलाना है।
खादी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैक्सिको में ओहाका गांव में खादी बुनने का काम हो रहा है, यहां की खादी ओहाका खादी के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी है। यहां खादी पहुंचाने वाले मार्क ब्राउन महात्मा गांधी के जीवन से प्रभावित थे। उन्होंने ट्रेनिंग ली और खादी का काम शुरू कर दिया। खादी में आपार संभावनाएं हैं। इस बार गांधी जयंती पर दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित शो रूम से एक करोड़ रुपये से अधिक की खरीददारी हुई है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी चीजों पर गर्व होना चाहिए, तभी दुनिया में उनके प्रति जिज्ञासा बढ़ती है, जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने, आयुर्वेद ने पूरी दुनिया को आकर्षित किया है। हमारे कई खेल जैसे मलखंब दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं। चिन्मय पाटणकर और प्रज्ञा पाटणकर अमेरिका में मलखंब सिखा रहे हैं।
सरदार पटेल ने अपना पूरा जीवन देश की एकजुटता के लिए किया समर्पित
पीएम मोदी ने कहा कि 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती हैं। इस दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। लौह पुरुष में तमाम गुणों के साथ सेंस ऑफ ह्युमर भी गजब का था। इसमें हमारे लिए भी एक सीख है, परिस्थितियां कितनी भी विषम क्यों ने हो, अपने सेंस ऑफ ह्युमर को जिंदा रखिए, यह हमें सहज तो रखेगा ही हम अपनी समस्या का समाधान भी निकाल पाएंगे, सरदार साहब ने यही किया था। सरदार पटेल ने अपना पूरा जीवन देश की एकजुटता के लिए समर्पित कर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार