*सिर्फ सात साल की कांस्टेबल की नौकरी छापे में मिले 2.85 करोड़ रुपये कैश, 50 लाख की ज्वेलरी*
भोपाल। लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार सुबह भोपाल में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ई-7 अरेरा कॉलोनी स्थित आवास और कार्यालय में छापा मारा। उनके घर से एक करोड़ 15 लाख रुपये और कार्यालय में एक करोड़ 70 लाख रुपये मिलाकर दो करोड़ 85 लाख रुपये नकद मिले हैं। लोकायुक्त पुलिस की कई महीने से सौरभ की गतिविधियों पर नजर थी। नकदी के अतिरिक्त दो करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति और 50 लाख रुपये की ज्वेलरी का पता चला है। इसमें हीरा, सोने और चांदी के आभूषण शामिल हैं। शर्मा ने दो वर्ष पहले की आरटीओ में आरक्षक पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। उसने केवल सात साल नौकरी की।
*2015 में अनुकंपा नियुक्ति के माध्यम से पुलिस सेवा में आए*
वह वर्ष 2015 में अनुकंपा नियुक्ति के माध्यम से पुलिस की सेवा में आए थे। पुलिस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में यह कार्रवाई की है। एडीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद ने कार्रवाई की पुष्टि की है। सौरभ वीआरएस लेने के बाद से रीयल एस्टेट का कारोबार कर रहे थे।
लोकायुक्त पुलिस सूत्रों ने बताया कि वीआरएस लेने से पहले ही वह रियल एस्टेट के कारोबार में उतर चुके थे। उन्होंने प्रदेश के प्रभावशाली लोगों से करीबी संबंध बना लिए थे, जिससे उनका रीयल एस्टेट का कारोबार तेजी से बढ़ा। भोपाल के अतिरिक्त पुलिस को अन्य जिलों में संपत्ति होने की जानकारी भी मिली है। पुलिस को शक है कि परिवहन विभाग में सात वर्ष की सेवा के दौरान सौरभ ने अवैध संपत्ति अर्जित की होगी। दस्तावेजों की जांच में पता चलेगा इतने कम समय में इतनी संपत्ति कैसे अर्जित की। पुलिस ने यह कार्रवाई सौरभ के विरुद्ध एक पूर्व शिकायत के बाद की गई है। शर्मा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच चल रही है।