सांसदों के लिए टूलकिट “अनपढ़” “बिना विजन” जैसे अशोभनीय टैग से मुक्ति हेतु

 

साइंटिफिक-एनालिसिस:

बॉलिवुड की एक अभिनेत्री द्वारा ट्विट कर देश की सारी समस्याओं का कारण अनपढ़ नेताओं व उनका कोई विजन न होने को क्या बताया राजनैतिक खेमों में हलचल मच गई | इसके बाद हर सत्ता से जुडा बड़ा नेता जानकारी के साथ ही साम, दाम, दण्ड, भेद के सिद्धांतों से अभिनेत्री पर दबाव बनाने में लग गया ताकि उसका बयान बदलवा कर अपने मुखौटे को बचाकर गंगा स्नान कर सके |

इसके आगे राजनेताओं पर बहुत से अशोभनीय टैग लगने का द्वार गोदी मीडिया व मैन लाईन मीडिया ने पब्लिसिटी देकर खोल दिया | नेताओं, फिर आगे राजनेताओं के बाद मुख्य केन्द्र संसद में चुनाव जीतकर राजनेताओं से बने सांसदों पर आता हैं क्योंकि ये लोग कानून-कायदे व आभासीय व्यवस्था बनाकर अच्छे भविष्य के लिए अपने विजन को मूर्त रूप देते हैं |

पक्ष, विपक्ष या मनोनित कोई भी हो यह सभी जनप्रतिनिधी व जनसेवक ही कहलाते हैं | इन जनसेवकों के ऊपर आगे कोई अशोभनीय टैग लगने से पहले हम इनको ऐसे दोषारूपन वाले टैग से बचने के लिए करने हेतु टूलकिट बता रहे हैं | 20 जुलाई, 2023 से नये संसद-भवन में पहली बार शुरु होने जा रहे सत्र में सबसे पहले इस टूलकिट के अनुसार कार्य शुरू करके फिर अपने-अपने विजन अन्दर पटल पर रखें |

1. मानसून सत्र के पहले दिन सभी राज्यसभा व लोकसभा के सांसद सुबह जल्दी उठ व अपने-अपने धर्म-सम्प्रदाय की परम्पराओं को निभाते हुए उसके अनुकूल मन्दिर / मज्जिद / गुरूद्वारा / गिरजाघर / बौद्धालय / जैन स्थानक या मन्दिर एवं कोई भी धार्मिक स्थल पर जाये और वन्दन / पूजा-पाठ / प्रार्थना कर आशीर्वाद ले | इसके पश्चात् अपने पूर्वजों, गुरूओं, गुरूनियों एवं बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर अपने क्षेत्र की जनता के आदेश व निर्देश लेकर नये संसद-भवन के मुख्य-द्वार पर समय पर पहुंच जाये |

2. नया संसद-भवन राष्ट्र व देश की जनता यानि आपके मालिकों को समर्पित नहीं हुआ हैं इसलिए इसमें प्रवेश नहीं करे | किसी दुसरी ईमारत में बैठकर अपने विजन से कानून बनाने का काम करा तो आप पर दबाव, मजबूरी, डर, अत्याचार से कानून के प्रावधानों में छेड़छाड़, भेदभाव, किसी चयनित वर्ग के साथ अन्याय करवाया जा सकता हैं | एक भी कानून में थोडी सी भी गडबडी हुई तो आप पर आने वाले समय में गद्दार, देशद्रोही, भ्रष्टाचारी, नमकहराम, पीढ में छूरा घोंपने वाले का अशोभनीय कलंकित जैसा टैग लग सकता हैं | आप सभी भी ईमानदारी, मेहनत, से चयनित होकर आये हैं इसलिए आंखों में निर्जलता व दिमाग में आपराधिक टैग लगने के डर को लेकर प्रवेश करने का कोई जोखिम न ले |

3. इसके पश्चात् सभी महात्मा गांधी के शहीद-स्मारक पर जाये क्योंकि इनकी मूर्ति द्वार के अन्दर होने से उस तक जाना खतरे से खाली नहीं होगा | शहीद-स्मारक पर ईश्वर-अल्लाह एक ही नाम सबको सदमति दे भगवान जैसी प्राथनाएं गाकर वहां उपस्थित मीडीया के कैमरामैनों के माध्यम से देश की जनता को बताये की आप धर्म, जात-पात, संस्कृति के आधार पर लड़ाई-झगड़े, ऊंच-नीच, भेदभाव, घृणा, तिरस्कार, छूआछूत व कुंठित सोच से ऊपर उठ देश व जनता के खुशहाल भविष्य हेतु काम करने के लिए संगठित हो गये हैं |

4. अब आपके आगे का पढ़ाव उच्चतम न्यायालय होगा क्योंकि संविधान की प्रति को नये संसद-भवन के सभागार में रख रखा हैं | यहां से मुख्य न्यायाधीश द्वारा संविधान की मूल-भावना वाली प्रस्तावना लेनी हैं | ये ही संविधान संरक्षक राष्ट्रपति को शपथ दिलाते हैं इसलिए मूल-प्रति इनके पास रहती हैं ताकि उसे किसी भी समय पठकर ज्ञान प्राप्त कर लोगों को न्याय दे सके | यदि मुख्य न्यायाधीश छुट्टी पर हो या किसी काम में व्यस्त हो तो कोई शोर-शराबा व नारेबाजी नहीं करे ये अच्छे लोग हैं जो रात के अंधेरें में भी आतंकियों के लिए भी दरवाजा खोल उसके साथ अन्याय न हो उसे तक देखने आ जाते हैं | यहां कर्मचारियों व वकीलों के बहकावे में आकर मुकदमा व अनुरोध आवेदन कतई न देवें अन्यथा तारिखों के मकडजाल में फंसा दिये जाओगे | आपको लगातार दस – दस मिनिट के अन्तराल पर राष्ट्रगीत गाना हैं, इसकी आवाज अन्दर तक पहुंचाने के लिए शादियों मे बजने वाले बडे स्पीकर का इस्तेमाल कर सकते हैं |

5. इसके आगे अमर जवान ज्योति समाहित किये राष्ट्रीय वार मैमोरियल जाना हैं ताकि देश की आन-बान-शान तिरंगे झण्डे के लिए तन-मन-धन के साथ प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों को नमन कर उनके प्रताप से तिरंगा झण्डा लिया जा सके |

6. धर्म, संविधान, तिरंगा झण्डा लेकर राष्ट्रपति-भवन जाना हैं | इन सभी के माध्यमों से उन्हें नये संसद-भवन चलकर वहां ध्वजारोहण करके राष्ट्रीय गीत से राष्ट्र की गरिमा का महिमामान करके जनता के खून-पसीने की कमाई से बनी इस ईमारत को राष्ट्र व देश की जनता को समर्पित करने का अनुरोध करना हैं | यहां पर भी कर्मचारियों के बहकावे में बिलकुल न आये और राष्ट्रपति को अपने साथ लाये | आजकल कोई अंजान व्यक्ति राष्ट्रपति को अंधेरे में रख या किसी मजबूरी का नाजायज फायदा उठा उनके नाम व पद का इस्तेमाल कर सारे अनुरोधों को शिकायत का टैग लगा इधर-उधर फोर्वड कर देश को अपना गुलाम बनाकर चला रहा हैं |

7. राष्ट्रपति द्वारा नये संसद-भवन को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद उन्हें पेटेंटेड (202881) वाली फाईल की जानकारी संज्ञान में लानी हैं जिस पर अन्तिम फैसला लेने के लिए वो 2011 से कानूनी रूप से कार्यपालिका की तरफ से अधिकृत हैं |

इस फाईल के बाहर आते ही भविष्य के सारे विज़न पुरी योजना के साथ दुनिया के सामने आ जायेंगे | इस पर अन्तिम फैसले की मोहर लगते ही इसे मूर्त रूप देने का काम शुरु हो जायेगा जो इंडिया को विश्वगुरु बनाकर आगे अग्रसर करता रहेगा |

इस फाईल में लोकतंत्र पर दुनिया में पहली बार बना ग्राफिक्स रूप, व्यवस्था को अपडेट करने का तरीका, राष्ट्रपति की लंगडी संवैधानिक कुर्सी को सही करने का उपाय, देशवासीयों से कोई नया कर वसूली के अतिरिक्त आय से पेट्रोल-डीजल की किमतों को स्थिर कर मंहगाई से मुक्ति का तरीका, देश में एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था की स्थापना, दुनिया के देशों पर प्रतिबंद्ध लगाने की शक्ति, चीन व पाकिस्तान की दुश्मनी चालों को खत्म करने का स्थाई ईलाज, देश में करीबन 5000 नई कम्पनीयां खुलने की शुरूआत, लाखों-करोड़ो बेरोजगारों के लिए नौकरीया, देश के खजाने में प्रतिवर्ष 1 लाख 20,000 करोड के राजस्व के साथ सदैव के लिये खजाना खुलने का मार्ग, दुनिया में चल रही ख़तरनाक वायरसों की श्रृंखला को खत्म करने का राज और देश के भविष्य नई पीढी को कालेजों व विश्वविद्यालयों से योग्यतानुसार लखपति व करोड़पति बनाकर निकालने की अकल्पनीय योजना जैसे कई विज़न कैद से मुक्त हो जायेंगे |

शैलेन्द्र कुमार बिराणी
युवा वैज्ञानिक

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