सहारा के निवेशकों को सरकार का पोर्टल कितना पैसा दिलवा पाएगा?

 

स महीने केंद्र सरकार की ओर से एक पोर्टल लॉन्च किए जाने के बाद चिटफ़ंड कंपनी सहारा के उन करोड़ों निवेशकों को उनके फंसे पैसे वापस मिलने की उम्मीद बंध गई है.

 

अंग्रेजी अख़बार ‘द हिंदू’ ने को-ऑपरेटिव सेक्टर के लिए नए मंत्रालय के गठन के बाद से लेकर सहारा के निवेशकों के पैसों की वापसी को लेकर चल रही गतिविधियों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है.

अख़बार लिखता है कि सहारा ग्रुप ने देश के 26 राज्यों के 2.76 करोड़ छोटे निवेशकों से लगभग 80 हज़ार करोड़ रुपये जमा किए थे.

ग्रुप के ख़िलाफ़ प्रवर्तन निदेशालय समेत कई एजेंसियां 2008 से जांच में लगी हैं.

लेकिन इसके छोटे निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए ने केंद्र सरकार ने सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटी का पोर्टल लॉन्च किया है.

इसके तहत निवेशकों को अधिकतम दस हज़ार रुपये लौटाए जाएंगे. भले ही उन्होंने कितना भी पैसा क्यों न जमा किया हो.

अपना पैसा लेने के लिए शनिवार साढ़े सात बजे तक 15.28 लाख निवेशकों ने पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया था.

निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट बना था.

मंत्रालय फिर जाएगा सुप्रीम कोर्ट

अख़बार ने सहकारिता मंत्रालय के हवाले से लिखा है कि 29 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सहकारिता मंत्रालय को इस फंड का एक्सेस दे दिया था. इसके बाद से ही पांच हजार करोड़ रुपये के इस फंड से निवेशकों को पैसा लौटाने का फैसला किया गया है.

सहारा के 2.76 करोड़ निवेशक हैं और अगर दस हजार रुपये भी लौटाने होंगे तो इसके लिए 27 हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी.

अख़बार के मुताबिक़ बाकी पैसों के लिए मंत्रालय फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा. अपना पैसा लेने के लिए निवेशकों को पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा.

अख़बार ने मंत्रालय के हवाले से कहा है ग्रामीण क्षेत्रों में कॉमन सर्विस सेंटर्स को इस काम के लिए उन निवेशकों की मदद करने के लिए कहा गया है, जिन तक कंप्यूटर और स्कैनर की पहुंच नहीं है.

अख़बार ने लिखा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का ये कदम मीडिल क्लास के उन वोटरों से जोड़ सकेगा जिन्होंने सहारा के चार को-ऑपरेटिवों- सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में निवेश किया था.

ये सोसाइटी हैं सहारायन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड.

यूपी में सहारा की इन स्कीमों में पैसा लगाने वाले 85 लाख निवेशक हैं, जिन्होंने 22 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है, बिहार के 55 लाख निवेशक हैं. झारखंड के 24 लाख निवेशक हैं.

इन को-ऑपरेटिव सोसाइटियों के रजिस्टर्ड होने के कुछ साल बाद निवेशकों को वादे के मुताबिक आठ से लेकर ग्यारह फीसदी तक रिटर्न मिला था.

लेकिन 2017-18 से निवेशकों को रिटर्न मिलना बंद हो गया था. बिहार के एक निवेशक ने बताया कि 2020 के बाद पहले लॉकडाउन के बाद हालात और खराब हो गए थे.

निवेशकों का पैसा न लौटाने पर सहारा ग्रुप के चेयरमैन के मुंह पर कालिख फेंक दी गई थी (फाइल फोटो)

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