सबसे बढ़िया एंटीबॉयोटिक होती हैं तुलसी की पत्तियां,ऐसे करें सेवन

तुलसी की पत्तियां प्राकृतिक तौर पर सबसे बढ़िया एंटीबॉयोटिक होती हैं। ये हर तरह के वायरस और फ्लू के ल‍िए घरेलू इलाज है। तकरीबन हर भारतीयों के घर में इसका इस्‍तेमाल सर्दी-जुकाम और बुखार आने पर काढ़ा बनाकर क‍िया जाता है। आयुर्वेद में रोजाना इसके सेवन के बारे में कई फायदों के बारे में बताया गया है।

तुलसी को खाली पेट खाना भी कई मायने में लाभदायक माना गया है। इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे 7 तरीके बता रहे हैं जिसे तुलसी की पत्तियों का सेवन कर आप सीजनल फ्लू और वायरस से बचने के साथ अपनी इम्‍यून‍िटी बूस्‍ट कर सकते हैं।

ताजा तुलसी के पत्तों में ‘एडाप्टोजेन’ या एंटी-स्ट्रेस एजेंट होता है। जिससे साबित होता है कि रोजाना 10-12 तुलसी के पत्तों को चबाने से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है और तनाव को रोकता है। यह रक्त को शुद्ध करता है और कई सामान्य तत्वों को रोकने में मदद करता है।

इस हर्बल रस में तुलसी के ताजे पत्तों, अजवाइन, जीरा, आम पाउडर, नमक और पुदीने की पत्तियों का मिश्रण मिलाया जाता है, जिन्हें 10-15 मिनट के लिए पानी में एक साथ उबाला जाता है। यह गर्म या कमरे के तापमान पर सेवन किया जा सकता है और निर्जलीकरण को ठीक करने में मददगार है।

तुलसी के पत्तों, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी और इलायची के मिश्रण को उबाल लें। विशेषज्ञों के अनुसार, इस पानी को प्रतिद‍िन एक कप पीने से डेंगू और मलेरिया जैसे बुखार से ठीक होने में मदद मिलती हैं।

ये काम्बिनेशन ब्‍लड फ्लो को उतेजित करके पाचन को मजबूत करता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-फंगल गुण भी होते हैं जो आपको खांसी और सर्दी से बचाने में मदद करता हैं।

तुलसी की पत्तियों, गुड़, नींबू और पानी से मिलकर बनी तुलसी की चाय सेहत के ल‍िए काफी फायदेमंद होती है। इस कैफीन रहित चाय का स्‍वाद मीठा होता है और यह पाचन के लिए अच्छा होता है और इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो आपको मौसमी बुखार और फ्लू से सुरक्षित रखते हैं।

चंदन पाउडर के साथ मिश्रित तुलसी के पत्तों का ताजा पेस्ट बनाकर माथे पर लगाएं। ये पेस्‍ट गर्मी, सिरदर्द से तुरंत राहत देता है और इससे ठंडक मिलती है।

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