सत्य कहने में संकोच न करें ।।

 

 

हम भारत के लोग सत्य के उपासक हैं। हमारे लिए सत्य ही ईश्वर है। सत्य हमारे लिए नारायण हैं। इसलिए हम सत्य नारायण की पूजा करते हैं।

 

जीवन में सत्य कहने से संकोच मत करिए। किसी को प्रसन्न करने के लिए या फिर किसी की चाटुकारिता करने के लिए भी झूठ का सहारा मत लीजिए।

 

सत्य कहिए लेकिन किसी के प्रति मन में द्वेष भाष या निंदा भाव मत रखिए। असली कसौटी यही है। जब हम किसी के बारे में सत्य बोलते हैं तो मन में मलिनता आ जाती है। सत्य कहते हुए भी दूसरों के प्रति अपना मन मलिन मत करिए। अपने मन में उसके प्रति प्रेम, सद्भाव और करुणा ही रखिए। तभी सत्य की साधना पूरी होगी।

 

और जब आप किसी के प्रति मन मलिनता नहीं रखते तब आपके द्वारा कहा गया सत्य प्रीतिकर हो जाता है। आपके द्वारा कहा गया सत्य मन में कड़वाहट नहीं पैदा करता बल्कि उसे स्वीकार करके सुधार पैदा करता है।

 

 

 

 

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