सचिन पायलट का दिल्ली में डेरा, अजय माकन से लगातार संपर्क में

 

अजय माकन के रीट्वीट से राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत नाराज। पायलट समर्थकों में उत्साह।
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राजस्थान कांग्रेस में असंतुष्ट माने जाने वाले नेता सचिन पायलट इन दिनों दिल्ली में डेरा जमाए बैठे हैं। जानकारी के मुताबिक पायलट अभी कुछ दिन दिल्ली में ही रहेंगे। दिल्ली प्रवास के दौरान पायलट लगातार कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अजय माकन के संपर्क में हैं। राजस्थान में पायलट को लेकर भले ही राजनीतिक माहौल गर्म हो लेकिन पायलट ने दिल्ली में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करवा रखी है। भले ही पायलट की गांधी परिवार के किसी सदस्य से मुलाकात नहीं हो रही हो, लेकिन उनका संपर्क माकन से बना हुआ है। पायलट की लगातार दिल्ली में उपस्थिति राजनीतिक दृष्टि से बहुत मायने रखती है। पायलट के समर्थकों को उम्मीद है कि जिस तरह कांग्रेस आला कमान ने पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना कर मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह को झटका दिया है उसी प्रकार राजस्थान में भी कांग्रेस आला कमान कोई बड़ा कदम उठाएगा। लेकिन वहीं सचिन पायलट की नजर अभी पंजाब की घटनाओं पर लगी हुई है, क्योंकि भले ही आला कमान ने सिद्धू को अध्यक्ष बना दिया हो, लेकिन मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने स्वीकार नहीं किया है। आलाकमान के फैसले के मद्देनजर अमरेन्द्र सिंह अब 21 जुलाई को अपने फार्म हाउस पर समर्थक विधायकों और कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की बैठक बुला रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में सिद्धू की घोषणा के विरोध में कोई प्रस्ताव पास किया जाएगा। दो दिन गुजर जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ने सिद्धू को बधाई नहीं दी है और न ही 21 जुलाई वाली बैठक में सिद्धू को बुलाया है। यहां तक कि अमरेन्द्र सिंह ने सिद्धू से मुलाकात तक नहीं की है। इससे प्रतीत होता है कि भले ही आलाकमान ने सिद्धू को अध्यक्ष घोषित कर दिया हो, लेकिन पंजाब कांग्रेस के हालात सामान्य नहीं है। सचिन पायलट को भी यह पता है कि जब तक पंजाब के हालात सामान्य नहीं होंगे, तब तक राजस्थान में कुछ भी नहीं होगा।
गहलोत नाराज:
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने जिस प्रकार एक पत्रकार के ट्वीट को रीट्वीट किया उससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नाराज है। पत्रकार के इस ट्वीट में लिखा गया था कि अमरेन्द्र सिंह हो या अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बनने के बाद यह समझते हैं कि उनकी वजह से कांग्रेस को जीत मिली है। पत्रकार का यह ट्वीट सीधे तौर पर अमरेन्द्र सिंह और अशोक गहलोत की कार्यशैली पर तीखी टिप्पणी थी। लेकिन तीखी टिप्पणी का ही अजय माकन ने समर्थन किया। सवाल उठता है कि क्या अजय माकन भी अब सीएम गहलोत के रवैये से खुश नहीं हैं? हालांकि माकन ने अभी तक सार्वजनिक तौर पर गहलोत के लिए कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है, लेकिन रीट्वीट से प्रतीत होता है कि गहलोत के रवैये से नाराज है। सूत्रों की मानें तो सीएम गहलोत ने माकन के ट्वीट को गंभीरता से लिया है और इस संबंध में कांग्रेस आलाकमान के नेताओं से संवाद भी किया है। इसमें कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी शामिल हैं। गहलोत का मानना है कि माकन के रीट्वीट से राजस्थान के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा। लेकिन इस सारी कवायद में पायलट के समर्थक विधायक और नेता उत्साहित है, उन्हें लगता है कि पहली बार किसी राष्ट्रीय नेता ने अशोक गहलोत पर प्रतिकूल टिप्पणी की है। पायलट के समर्थक विधायकों को उम्मीद है कि जल्द ही खुशखबरी सुनने को मिलेगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि गहलोत पर पायलट के समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने और नेताओं को सरकारी उपक्रमों में नियुक्ति देने का दबाव है।

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