श्री सीताराम महायज्ञ:बेटी का सम्मान सर्वश्रेष्ठ सम्मान है: जगतगुरु

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कन्या को जन्म देने वाले ही कन्या दान के पात्र हैं अन्य नहीं- वेदाचार
गौ, गीता ,गायत्री, कि जंहा पूजा होती है वह देश है भारत” 

पुरुषार्थ एक दिन थक जाता है, लेकिन कृपा नहीं थक सकती: रामानुजनचार्य 

श्री सीताराम महायज्ञ महोत्सव के पंचम दिवस मैं क्षेत्रीय श्रोताओं भक्तजनों का भारी जनसमुदाय उपस्थित रहा

श्री रामचरितमानस कथा श्रवण करने से जीवन को होता है उद्धार
बकतरा

श्री सीताराम महायज्ञ महोत्सव पंचम दिवस क्षेत्रीय श्रोताओं की अपार जन समुदाय देखने को मिला  रहा है  नगर में ऐसा वातावरण बन गया है  मानो   वैकुण्ठ लोक से सभी देवता  नगर के प्रत्येक घर  में  विराजमान हो  गए हैं प्रत्येक परिवार में अतिथि देवो भव के  भाव से  मेहमानों का    स्वागत सत्कार  किया जा रहा है,  नगर का प्रत्येक नागरिक  पूरी तन्मयता के साथ  यज्ञ नारायण की  सेवा  में  लगा है  , यज्ञ प्रारम्भ  से  नगर के  सभी  व्यावसायिक प्रतिष्ठान  बंद रखे हैं जो     यज्ञ संपन्न  होने तक  रहेंगे l

कथा पंडाल में जगतगुरु श्री स्वरूपानंद जी कामदगिरि पीठाधीश्वर चित्रकूट एवं जगदगुरू श्री राम दिनेश आचार्य जी अयोध्या धाम मंच संचालक पंडित श्री राम कृपालुजी महाराज व्हीकलपुर श्री मानस के प्रख्यात वक्ता पंडित श्री आलोक मिश्र जी कानपुर एवं क्षेत्र से पधारे श्री श्री 1008 श्री ब्रह्मचारी जी महाराज गोरा एवं श्री श्री 108 श्री श्री भोले स्वरूप जी ब्रह्मचारी कोसम खेड़ा श्री राम जानकी मंदिर बकतरा महंत श्री श्री 1008 श्री महंत गिरीश दास जी महाराज और भी कई साधु संत रहे मंचासीन प्रवचन के द्वारा श्री पंडित कृपालुजी महाराज व्हीकलपुर द्वारा कथा में बताया गया कि कैसे भगवान एक गरीब ब्राह्मण के यजमान बनकर ब्राह्मण की बिटिया का कन्यादान तक कर देते हैं इतने कृपालु हैं भगवान इसलिए भगवान पर विश्वास और आस्था ही हमें प्रभु से जोड़े रखती है एवं कन्या दान करने से यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है
कानपुर से पधारे पंडित श्री मानस प्रवक्ता आलोक मिश्र कथा श्रवण एक साधन है भक्ति मार्ग पर चलने का संपूर्ण भाव उत्पन्न होता है समाज सुधार की बातें कहींl

श्री जगद्गुरु राम दिनेश आचार्य जी अयोध्या धाम द्वारा बताया गया यज्ञ हमारी भारतीय मूल परंपरा है जो आदि सालों से चली आ रही है देवताओं में प्रथम देवता अग्नि देव हैं दूसरे देवता सूर्यदेव हैं महाराज श्री द्वारा बताया गया के यज्ञ तीन प्रकार के होते हैं तीनों यज्ञों में श्रेष्ठ अश्वमेध यज्ञ होता है जिस यज्ञ को भगवान श्री राम जी द्वारा कराया गया था जिसमें अयोध्या की सारी सेना को लव कुश द्वारा परास्त कर घोड़ा अश्वमेध यज्ञ का पकड़ा वन मे सुरक्षित हैं सुरक्षित साधु ही विश्व का कल्याण करता है राष्ट्र सुरक्षित है तो धर्म सुरक्षित हैl गौ, गीता ,गायत्री, कि जंहा पूजा होती है वह देश  भारत है , हम देश की रक्षा करेंगे तो धर्म की रक्षा स्वत हो जायेगी l

पुरुषार्थ एक दिन थक जाता है, लेकिन कृपा नहीं थक सकती इसलिए प्रभु से कृपा प्राप्ति के लिए साधन करने चाहिए l

3 प्रकार के लोग परमात्मा भजन नहीं करते हैं
-(1),पुरुषार्थी लोग,
-(2) जिसने भगवान से अच्छा  किसी को मान लिया हो  l
और तीसरा जो उन्मत्त है और भगवान का भजन नहीं करता है l हर जीव को जीवन मिला है तो प्रभु को समर्पित करे,  प्रभु का स्मरण करें,  तभी जीव का जीवन सफल हो सकता है l

जगतगुरु श्री स्वरूपानंद जी चित्रकूट धाम द्वारा समस्त जन समुदाय को आशीर्वाद दिया एवं श्रीरामचरितमानस के बड़े ही अच्छे प्रसंग श्री राम जी द्वारा धनुष भंग करने की कथा सुनाई गई एवं सभी जन समुदाय को नशा मुक्ति का संदेश दिया एवं कन्यादान को सबसे बड़ा दान बताया एवं विवाह के अफसरों पर शुभ मुहूर्त ना निकलने पावे एवं शुभ मुहूर्त में ही सभी विवाह कार्य संपन्न करने का संदेश दियाl कन्यादान,  विवाह महोत्सव यज्ञ है जैसे यज्ञ करते समय पवित्रता रखते हैं वैसे ही विवाह मंडप में पवित्रता रखनी चाहिए l विवाह वैदिक परम्परा के साथ संपन्न कराना चाहिए l श्रोताओ को ईश्वर के प्रति निष्ठा भाव रखना चाहिए l

महेंद्र,  हरिओम चौहान, अजय दुबे

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