शिवराज कैबिनेट की बैठक में बड़े फैसले, फसल क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ाई, लाइनमैन को मिलेगा 1000 भत्ता
भोपाल। आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक (Shivraj cabinet meeting) में कई बड़े फैसले लिए गए है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि, पट्टा वितरण को मंजूरी दी गई। विभिन्न प्रकार के पट्टे देने पर कैबिनेट ने सहमति दे दी। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदा के कारण फसल खराब होने पर किसानों को दी जाने वाली राहत राशि में वृद्धि के निर्णय का अनुसमर्थन किया गया।
नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने बताया कि बिजली विभाग के लाइनमैन को जोखिम भत्ता 1000 रूपये दिया जाएगा। ग्वालियर अस्पताल में 972 नए पदों की स्वीकृति दी गई है। पन्ना जिले के दो सिंचाई परियोजना की पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई है। इंदौर में न्याय की प्रतिमूर्ति अहिल्यादेवी के स्मारक के लिए निशुल्क जमीन की स्वीकृति दी गई।
उन्होंने आगे बताया कि, प्रदेश में 45 नए दीनदयाल रसोई केंद्र प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को निर्देश दिए कि इस योजना को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर विचार किया जाए। सरकार ने आरबीसी 6 (4) के तहत सहायता देने के मापदंड में संशोधन करते हुए राहत राशि में वृद्धि का निर्णय लिया है। शरीर के किसी अंग अथवा आंखों की हानि पर राहत राशि 5,100 से बढ़ाकर 74,000 की गई। बाढ़ भूस्खलन में पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि भूमि पर मलबा हटाने के लिए राशि 12,200 से बढ़ाकर 18,000 प्रति हैक्टेयर की गई है।
नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि, ग्वालियर अस्पताल में 972 नए पदों की स्वीकृति दी गई है। पन्ना में दो सिंचाई परियोजना को स्वीकृति दी गई है। इसी के साथ राजस्व न्यायालयों का कंप्यूटरीकरण करने संबंधी भी निर्णय लिए गए हैं। अगले 5 सालों के लिए 7 हजार करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। बैठक में सभी मंत्रियों को मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसे गए। इसमें बिस्किट, सैंडविच, कटलेट, बाजरा खिचड़ा, पापड़, खीर शामिल थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोटे अनाज, मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी है।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि फसलों की क्षतिपूर्ति, ओला, पाला, बाढ़, सूखा जैसी स्थितियों में फसलों को नुकसान के मानदंडों में संशोधन किया है। 50 से अधिक नुकसान को 100 प्रतिशत मानते हुए संशोधन किया है। इसमें 25 से 33 प्रतिशत क्षति पर 5 हजार से बढ़ाकर 5 हजार 500 दिया जाएगा, लघुसीमांत दो हेक्टेयर से कम वाले। सिंचित फसलों में 9 हजार के स्थान पर 9 हजार 500 रुपए। 33 से 50 हजार में 8 हजार के स्थान पर 8 हजार 500 रुपया। सिंचित फसलों में 15 हजार के स्थान पर 16 हजार रुपए। 50 प्रतिशत से अधिक पर 16 हजार के स्थान पर 17 हजार, सिंचित फसलों के लिए 30 हजार के स्थान पर 32 हजार रुपए राशि बढ़ाई गई है।