शिवराज के हेलीकॅाप्टर पर पूर्व की मरम्मत पर 1 करोड, 36 लाख 969 खर्च

शिवराज के हेलीकॅाप्टर पर पूर्व की मरम्मत पर 1 करोड, 36 लाख 969 खर्च

0 रोटी छिनने वालों के हाथों गुलदस्ते भेंट का बना साक्षी

. .त्वरित टिप्पणी-कैलाश सनोलिया:

नागदा। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के उड़नखटौले ने उज्जैन जिले में स्थित नागदा को मीडिया में खूब सुर्खियां दी। गत 20 जुलाई को सीएम शिवराज नागदा को जिला बनाने की घोषणा करने आए थे। जिले की घोषणा से अधिक उड़नखटौली की खराबी ने मीडिया में खूब सुर्खिया बटौरी। 20 जुलाई को यहां ऐसा लैडिंग हुआ कि सात दिनों तक मूर्छित पड़ा रहा। बताया जा रहा बिजली की गड़गड़ाहट के प्रभाव से हेलीकॉप्टर उड़ने में सक्षम नहीं हुआl लगभग 7 दिनों के बाद इसको एक ट्राले में रखकर मरम्मत के लिए ले जाया गया। सीएम के हेलिकॉप्टर की मरम्मत पर पूर्व में एक करोड़ 36 लाख 969 एवं 63 पैसा सरकार को चुकाना पड़ा है। यह आंकडा जनवरी 2022 से जून 2022 तक (महज 6 माह) के बीच का है। जिसके प्रमााणिक प्रमाण इस पत्रकार के पास सुरक्षित है। अबकि बार सीएम का हेलिकॉप्टर अब उस भूमि पर बीमार हो गया जो अतिक्रमण की विवादित जमीन पर लैडिंग हुआ था। इन दिनों ग्रेसिम की हवाइ पटृटी विवादों में हैं। जो शासकीय भूमि पर अतिक्रमण से बनाई जाने के कारण तहसील कोर्ट में प्रकरण दर्ज हुआ। अब प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में कानूनी दाव पेंच से निगरानी में लीगर ऑन है।

वे मायुस थे इनके गुलदस्ते

इस शहर में 3500 श्रमिकों को ग्रेसिम प्रबंधन ने बेरोजगार किया गया और उनके बच्चों के मूंह से निवाला छिना गया। उस औधेागिक शहर में जब शिवराज विकास पर्व पर आए थे सत्ता के सूरमाओं ने जमकर अभिनंदन किया। लेकिन मजदूरों पर हुए अन्याय, अत्याचार की कोई बात नहीं उठी। इस हेलीपेड पर पहली बार इतनी सुरक्षा व्यवस्था थीकि कई सत्ता के धूरंधरों को अंदर जाने से रोका गया, कई सत्ता के लोग यह जदोजहद करते देखे गए उन्हें हेलीपेड के दूसरे नंबर के बेरिकेटस इंट्री से मोहताज होना पड़ा। लेकिन उस ग्रेसिम उद्योग के 4 लोग सीना ताने सुरक्षा के घेराबंदी के बादजूद अपने गुलदस्ते भेंट करने में कामयाब हुए जिस उद्योग का नाम हजारों श्रमिकों को बेरोजगार करने का इतिहास है। यह उडन खटौला भी इन लोगों के हाथों अभिनंदन का साक्षी बना। बाद में वह बीमार पड़ गया मतलब तकनीकी खराबी हो गई।
जिस उद्योग ने करोड़ो की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया लेकिन शिवराज सरकार के अफसर यहां तो बूलडोजर चलाने में हिचकिचा रहे हैं लेकिन आम लोगों के अतिक्रमण पर बूलडोजर गर्व से इतिहास रचा जा रहा है।
जब शिवराज कार्यक्रम से लौटे तों एक आकाशीय बिजली की किरणों से इसकी सेहत खराब हो गई और शिवराज को सड़क मार्ग से जाना पड़ा

71 करोड में खरीदा

इस पत्रकार के पास सुरक्षित एवं प्रमाणित दस्तावेजों के अनुसार यह स्पष्ट हैकि मप्र सरकार के पास 14 सितंबर 2022 की स्थिति में एक मात्र हेलीकाप्टर था। जिसको सभी प्रकार के टैक्स समेत 71 करोड़ 31 लाख 86 हजार 250 रूपए मैं खरीदा गया था. उसके बाद हैलीकाप्टर पर जनवरी 2022 से जून 2022 तक महज 6 माह में यह इतना बीमार हुआ कि इसकी सेहत को सुधारने के लिए सरकार को 1 करोड़ 36 लाख 79 हजार 969 रूपए 63 पैसे खर्च करना पड़ा।

आकाश के सफर पर 56 लाख

उड़न खटौला ने जब 1 जनवरी से जून 2022 तक आकाश में उड़ान भरी तब बतौर ईधन इस पर 56 लाख 25 हजार 434 रूप्ए का इंधन प्रयुक्त किया गया।

ये बड़े सवाल

0 सीएम की अगवानी के लिए भाजपा संगठन के जिला स्तर के राजनेता ग्रेसिम के हेलीपेड पर अंदर जाने के लिए जदोजहद करते देखे गए जिसमें से कुछ बोल रहे थे अंदर जाने की सूची मैंने स्वयं ने बनाई फिर मुझे क्यों रोका जा रहा है। सुरक्षा कर्मी की दलील थी पूर्व में सूची बनी है, उसी के अनुसार इजाजत मिलेगी। इसी दौरान ग्रेसिम के चार सामान्य स्तर के अधिकारी गुलदस्ते लिए आए तो सत्ता के एक वरिष्ठ नेता ने इनकी ऐसी पैरवी की इनको तुरंत इंजाजत मिल गई। अपने हाथों से उस हवाई पटृी पर भेंट किए जिस पर मामा ऐसे अतिक्रमण के मामले में बूलडोजर कराने के दावे करते हैं।
1 बड़ा सवाल उद्योग के चार अधिकारियों के नाम इस सूची में कैसे शामिल होगए। और अन्य जो पार्टी संगठन को दिन रात अपने पसीने और पुरूषार्थ से सिंचते उनको तवज्जो नंही मिली। यहां तो एक साथ चार अंदर चले गए।
2 प्रदेश मंुखिया जनता की समस्या सुनने भी आए थे। लेकिन दो घटनाए ऐसी सामने आई कि आम लोगों के रोंगटे खडे हो जाए। अपनी मासूम बेटी दिव्या की मौत का इंसाफ मांगने वाले उसके पिता नरेंद्रंिसह रघुवंशी को पुलिस थाने मे ंसलाकों में तब तक कैद कर दिया, जब तक शिवराज शहर से बाहर उज्जैन नहीं चले गए । दिव्या की मां पुलिस थाने में अपने बेटी के गम को अपने आंचल में छिपाए तो थी साथ ही सिसकती हुई सीएम के आंगमन पर कैद अपने पति के बाहर आने का इंतजार थाना परिसर में रात तक करती रही।
3 यह कैसा प्रशासन का इंसाफ। सत्ता के सारे सूरमा इस मसले पर खामोश।
4 गांव पिपलौटा का एक किसान मांगूसिंह पेशी पर आया था उसको भी बिडलाग्राम थाने पर बैठा दिया गया। ये सवाल बड़े ज्वलंत है।

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