जागृत पालक संघ की मुख्यमंत्री से मांग, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार को तत्काल मंत्री पद से हटाया जाए
इंदौर। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार की बिगड़े बोल पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को तत्काल उन्हें पद हटाया जाना चाहिए। मंगलवार को निजी स्कूलों की मनमानी और नियम विरूद्ध फीस वसूली की शिकायत लेकर पालक स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार से मिलने पहुंचे थे। अभिभावकों की समस्या को सुनकर उनका निराकरण करने के बजाय मंत्री परमार ने उल्टा पालकों को यह कहा कि – आंदोलन करो, मरो जाकर ।
जागृत पालक संघ, मप्र अध्यक्ष चंचल गुप्ता ने कहा कि, एक शिक्षा मंत्री के रूप में उनका ये बयान अत्यंत आपत्तिजनक और गैर-जिम्मेदाराना है। प्रदेश के लाखों अभिभावकों व छात्रों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है और उनका अपमान है। मंत्रीजी के इस बयान की जितनी निंदा की जाये उतनी कम है। उनके इस बयान से ही स्पष्ट होता है कि कोरोना काल में प्रदेश सरकार और न्यायालय के तमाम आदेशों के बावजूद निजी स्कूलों की मनमानी इसीलिए नहीं थम रही है क्योंकि प्रदेश सरकार और प्रशासन के आदेश केवल जनता को दिखने के लिए होते हैं। वास्तव में सरकार निजी स्कूलों की हिमायती है और अभिभावकों की परेशानियों से सरकार को कोई लेना देना नहीं है।
जागृत पालक संघ मुख्यमंत्री जी से यह मांग करता है कि ऐसे असंवेदनशील स्कूल शिक्षा मंत्री को तत्काल मंत्री पद से हटाते हुए किसी योग्य व जिम्मेदार व्यक्ति को स्कूल शिक्षा मंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी जाए।
*एडव्होकेट चंचल गुप्ता*
*अध्यक्ष
जागृत पालक संघ, मप्र