*विक्रम विश्वविद्यालय के हॉस्टल में छात्र हो रहे दुर्दशा का शिकार*
उज्जैन में विक्रम यूनिवर्सिटी के छात्र लंबे समय से अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहे हैं और सुनने वाला कोई नहीं है,,,कुछ छात्रों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि सर हमें यहां पर कई बार पीने का पानी तक नसीब नहीं होता,मैंस में जो खाना बनता है वह इंसान के खाने लायक तो नहीं है,,पुराने छात्र एवं बाहरी और सामाजिक तत्वों का हॉस्टल में रात में जमावड़ा रहता है धूम्रपान,
मदिरा एवं अन्य नशा करते हैं एवं डराते धमकाते व आधी रात को बरामदे में सुतली बम फोड़ते हैं,, हास्टल की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है और पूरी बिल्डिंग धमाके से कंपन्न हो जाती है,,,जैसे-तैसे रात गुजार रहे हैं स्थिति यह है कि कई कमरों के इन उत्पातियों ने लात तथा डंडे मार कर दरवाजा तोड़ दिए हैं हमारा सामान भगवान भरोसे रहता है
साथ ही प्रति व्यक्ति एक रूम की व्यवस्था थी परंतु छात्रों की संख्या अधिक हो गई है एवं एक कमरों में तीन से चार बच्चों को सोना पड़ रहा है,,,और कुछ होस्टल में हालात यह है कमरों कि जगह हाल में कतारबद्ध होकर सौना पड़ रहा है क्योंकि कैपेसिटी से अधिक बच्चों को हॉस्टल में एडमिशन दे दिया गया है
उक्त गम्भीर आरोप के बाद जब हमने उनसे पूछा कि इसकीशिकायत जिम्मेदारों तक कर अपनी बात रखो निराकरण होगा,, तो डरे सहमें छात्र बोले कि हमारी सुनने वाला कोई नहीं हम शिकायत करेंगे तो यह असामाजिक तत्व रात में हमको घैर कर कमरे में मारेंगे हम बहुत दहशत में जी रहे हैं जैसे-जैसे यह साल निकल जाए,,
यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारी को चाहिए कि औचक निरीक्षण करें वही सामाजिक तत्व की दादागिरी नशाखोरी एवं अन्य नशे व गतिविधियों की जो छात्रों ने दबे मुंह बात कही है उसको लेकर पुलिस को भी रात में पर्याप्त मात्रा में बल भेज कर सर्चिंग करनी चाहिए ताकि इस प्रकार के दहशतगर्दी में जी रहे छात्रों को कहीं ना कहीं राहत मिल सके
दर असल विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा कुल 6 हॉस्टल संचालित किए जाते हैं जिसमें छात्र एवं छात्राएं रहते है जिसमें शालिग्राम तोमर जिसका नवीन भवन बन चुका है,बाकी के अन्य पांच हॉस्टल और है जिसमें कालिदास छात्रावास,,भर्तृहरिहोस्टल आदि है,इनमें से एक हॉस्टल आदिम जाति छात्रावास के स्कूली बच्चों को रहने के लिए दिया है जिसे कई बार विक्रम यूनिवर्सिटी ने वापस मांगा पर हॉस्टल खाली नहीं कर सके
वार्डन जरूर यूनिवर्सिटी द्वारा जिम्मेदार के रूप में छोड़ रखे हैं परंतु छात्र कहते हैं कि उनका व्यवहार भी गैर जिम्मेदाराना है,, यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों में समय-समय पर अनेक विवादित स्थिति बनती रहती है
साथ ही यहां पर अनेतिकता की बात की जाए तो पूर्व में अपहरण कांड हो या फिर रेप जैसे संगीन अपराध में भी यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के कमरों का उपयोग किया गया है
,,इसलिए यहां पर नशाखोरी आपराधिक तत्वों की शिकायत अगर डर से बच्चे सामने आकर नहीं कर पा रहे तो पुलिस को स्वत संज्ञान लेकर वस्तु स्थिति जाननी चाहिए