विकास को लेकर कांग्रेस ने दी खुली बहस की चुनौती

 


भोपाल, 04 फरवरी 2023,

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने सरकारी खर्च पर जिला कलेक्टरों और प्रभारी मंत्रियों के सहयोग से भाजपा द्वारा निकाली 5 फरवरी 2023 से प्रारंभ होने वाली कथित विकास यात्रा का तीखा प्रतिकार करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता को मूर्ख बनाने वाली इस यात्रा के पूर्व प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान को अपने 18 वर्षीय विनाश काल का हिसाब देना चाहिए? मिश्रा ने चुनौती भरे लहजे में कहा कि यह यात्रा प्रदेश में व्याप्त भीषण भ्रष्टाचार, जंगल-माफियाराज, ध्वस्त कानून-व्यवस्था, मजदूरों, किसानों और बेरोजगारों के साथ हुई सरकारी क्रूरता को भुलाने का एक अक्षम्य राजनैतिक प्रयास है।
मिश्रा ने प्रदेश की भाजपा सरकार और भाजपा संगठन को कांग्रेस की ओर से सीधी चुनौती देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा 18 वर्षों के भाजपाई कार्यकाल और 15 महीने के कमलनाथ सरकार के कार्यकाल को लेकर जहां भी चाहें हम खुली बहस के लिए तैयार है। उन्होंने सत्ता और संगठन दोनों के ही मुखियाओं से आग्रह किया है कि जब उनके नेतृत्व ने एक लंबे समय तक ‘‘विकास की अर्थी’’ निकालते हुये प्रदेश को विनाशराज में तब्दील कर दिया है, तब जनता के पैसों का दुरूपयोग कर अपनी खोखली राजनैतिक ताकत को प्रदर्शित करने वाली यह यात्रा एक आर्थिक भ्रष्टाचार ही कहा जाएगा, क्योंकि प्रदेश आर्थिक कंगाली के मुहाने पर खड़ा हुआ है, साढ़े तीन लाख करोड़ का कर्ज प्रदेश का विकास नहीं भाजपा के मंत्रियों और नेताओं के निजी विकास की गौरव गाथा लिख चुका है। भाजपा सरकार के खर्च पर होने वाली इस यात्रा की शिकायत कांग्रेस पार्टी आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो में करेगी।
कांग्रेस ने प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि कालेधन की दुहाई देकर कई राज्यों में सरकार बनाने वाली भाजपा जब मप्र की राजधानी भोपाल स्थित अपने भव्य पार्टी मुख्यालय को जमीदोज कर एकत्र कालेधन से 150 करोड़ रूपयों की लागत से 10 मंजिला भव्य, सुसज्जित इमारत का निर्माण कर रही है, जहां हेलीकाप्टर लेंडिंग की भी सुविधा होगी, तब इस यात्रा का खर्च सरकारी कोष से क्यों?


मिश्रा ने विकास यात्रा के आयोजकों से निम्न 10 यक्ष प्रश्नों का भी उत्तर चाहा है :-

 मुख्यमंत्री ने ‘‘विकास का अर्थ’’ समझाने वाली इस यात्रा को निकालने का निर्णय तो लिया है, लेकिन यह ‘‘विकास का अर्थ’’ के बजाय ‘‘विकास की अर्थी’’ साबित क्यों हो रही?
 मप्र का विकास सूचकांक बीमारू राज्यों की श्रेणी में और भी अधिक नीचे कैसे गिरा?
 मप्र आर्थिक पैमाने पर बुरी तरह फिसड्डी साबित क्यों हुआ, भाजपा सरकार की ऊंची विकास दर, प्रदेश में निवेश और बड़े पैमाने पर रोजगार दिए जाने की घोषणाएं झूठी साबित क्यों हो रही हैं?
 स्टेट रैंकिंग 2023 में 17 बड़े राज्यों में मध्यप्रदेश 13 नंबर पर क्यों?
 मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति बुरी तरह चौपट, 17 राज्यों में 16 नंबर पर क्यों?
 वित्तीय समावेशन फाइनेंसियल इंक्लूजन में मप्र 17 राज्यों में 15 वें नंबर पर क्यों?
 सामाजिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश 17 राज्यों में 14 में नंबर पर क्यों?
 बुनियादी ढांचा क्षेत्र में मध्यप्रदेश 17 राज्यों में 13 नंबर पर क्यों?
 पर्यावरण के मामले में मध्य प्रदेश 17 राज्यों में नौवें नंबर पर क्यों?
 मप्र का अलीराजपुर देश का सबसे गरीब जिला क्यों है?
मिश्रा ने उम्मीद जाहिर की है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान मप्र की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का सम्मान करते हुए उक्त यक्ष प्रश्नों के उत्तर से प्रदेश की जनता को संतुष्ट करायेंगे।

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