लड़खड़ाता विपक्ष,मजबूत सत्ता पक्ष और सो रही आम जनता यही है मंहगाई की असल कहानी

 

अमित त्रिवेदी पत्रकार:

*एक तरफ देश मे पेट्रोल डीजल,गैस सिलेंडर जैसी दैनिक और जरूरी वस्तुओं ने कीमतों को मामले में आसमान पकड़ रखा है वही दूसरी तरफ देश का कमज़ोर मुद्दाविहीन और जनता को नजरअंदाज करने वाला विपक्ष यानी कांग्रेस और कांग्रेसी ख्याली पुलाव और बोलबचन के सिवा कोई और खास नही कर पा रहे है। देशभर में जिस तरह विपक्ष लड़खड़ाता दिखाई दे रहा है जनता कांग्रेस पर बिल्कुल भी भरोसा नही कर पा रही है इसी वजह से सत्ता पक्ष जोरदार मजबूत साबित हो रहा है। यही नही मुद्दों के भटकाव के इस दौर में जनता भी कमरतोड़ मूल्यवृद्धि के बावजूद घरों में सोई पड़ी है। अगर यही ऐसे हालात यूपीए सरकार के वक्त होते तो देशभर का हर मुख्य मार्ग,गली चौराहा और राजधानी बैलगाड़िया से भर दिया जाता। यही नही गैस सिलेंडर की बेतहाशा बढ़ती कीमतों के चक्कर मे तत्कालीन विपक्ष चूल्हों पर चाय बना डालता। इधर कमजोर भूमिका में नजर आ रही कांग्रेस पर से देश की जनता विश्वास या तो उठ गया है या फिर आमजन विश्वास करना ही नही चाह रहे है। क्योंकि जिस तरह रोटी रोजी, रोजगार,कोरोना और अब बढ़ती कीमतों से जूझ रही जनता ने घरों में डुबकना ही अपने लिए सही मान लिया है। ना कि विपक्ष को भूल खुद अपनी जेबो पर डल रहे डाके का विरोध करे। यहां बात किसी पार्टी की नही बल्कि अपने खुद के घर के बजट की है जो दिन प्रतिदिन गड़बड़ाता जा रहा है और महंगाई डायन डंसते ही जा रही है। लेकिन इतने अत्याचारों के बावजूद भी जनता जनार्दन का चुप रहना वास्तविक रूप से आने वाले भविष्य के लिए संकटकालीन साबित हो सकता है। क्योंकि जिस देश की जनता सो जाती है फिर समझो उस देश के सभी रास्ते बंद हो जाते है। बहरहाल यहां पार्टी दलगत राजनीति को भूल अब जनता ने ही विरोध का मोर्चा संभाल लेना चाहिए। ताकि कुछ हद तक इन बढ़ती कीमतों पर तो लगाम लगे। और घर का मासिक बजट भी हाथ मे रहे।*

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