लॉकडाउन से बड़ा आर्थिक नुकसान, पर जनता की सुरक्षा पहली प्राथमिकता: नीति आयोग

  1. लॉकडाउन से बड़ा आर्थिक नुकसान, पर जनता की सुरक्षा पहली प्राथमिकता: नीति आयोग

सरकार की पहली प्राथमिकता कोरोना वायरस को रोकना

कोरोना से प्रभावित हर एक वर्ग का ख्याल रखा जा रहा है

कोरोना वायरस की वजह से देश का बड़ा आर्थिक नुकसान होने वाला है. लेकिन सरकार के लिए पहली प्राथमिकता देश की जनता की सुरक्षा है. इसलिए लॉकडाउन जैसे फैसले लिए गए और फिर उसे अब 3 मई तक बढ़ाया गया है. ये कहना नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का है.

देश में टेस्टिंग की किल्लत नहीं
टीवी टुडे नेटवर्क के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से खास बातचीत में अमिताभ कांत ने कहा कि ब्राजील, स्पेन और इटली से भारत की तुलना नहीं की जा सकती है. दोनों की आबादी में बड़ा अंतर है और दोनों देशों के हालात भी अलग-अलग हैं. नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि देश में टेस्टिंग किट की कोई किल्लत नहीं होगी. हमें देश के हॉटस्पॉट इलाकों में टेस्ट के लिए सही व्यक्ति का चुनाव करने में सजग होने की जरुरत है.

 

लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला आसान नहीं

उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता कोरोना वायरस को रोकना है, और अभी तक सफल रही है. सोशल डिस्टेंसिंग के जरिये ही भारत इसे फैलने से रोक सकता है. जहां तक सवाल लॉकडाउन को बढ़ाने का है तो इसपर सरकार ने सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया है. लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लेना आसान नहीं था.
अमिताभ कांत ने कहा कि सरकार कोरोना को रोकने के लिए वो सभी उपाय कर रही है. टेस्ट की संख्या बढ़ा दी गई है. लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया गया है, क्योंकि अभी यह सीमित जगहों पर है. अगर किसी तरह से ग्रामीण इलाकों में इसने फैलना शुरू कर देता फिर स्थिति भयावह हो जाती.

 

प्रभावित सेक्टर को लेकर सरकार सक्रिय
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से आर्थिक नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. वित्त मंत्रालय शुरू से ही गंभीर है और जल्द ही राहत पैकेज का ऐलान किया जाएगा. सरकार को पता है कि इस समय किस सेक्टर को सबसे ज्यादा मदद की जरुरत है. उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रभावित हर एक वर्ग का ख्याल रखा जा रहा है, इसलिए भारत सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप बनाई है जो लक्षणों के आधार पर बताता है कि आपको कोरोना वायरस का परीक्षण कराने की जरूरत है या नहीं.

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