*अपने गांव, जमीन, खेत बचाने “घेरा डालो डेरा डालो” आंदोलन में शामिल होंगे हजारों किसान कल मंगलवार को*
लैंड पुलिंग कानून के खिलाफ किसानों में भारी आक्रोश
भोपाल16 नवंबर। मध्यप्रदेश की मोहन सरकार द्वारा उद्योगों व शहरों के विकास के नाम पर लाई गई लैंड पुलिंग योजना के खिलाफ संपूर्ण प्रदेश में विरोध बढ़ता जा रहा है। लैंड पुलिंग कानून के मार्फत सरकार उज्जैन में किसानों की हजारों एकड़ जमीन उनकी मर्जी के खिलाफ छीनने की कोशिश कर रही है। जिसको लेकर प्रदेश के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में मोहन सरकार के खिलाफ 18 नवंबर मंगलवार को कलेक्टर व आयुक्त कार्यालय में अनिश्चितकालीन घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन किया जाएगा। जिसमें मालवा प्रांत के अठारह जिलों के हजारों किसानो के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने बताया कि प्रदेश सरकार जब तक सिंहस्थ क्षेत्र व संपूर्ण प्रदेश में लैंड पुलिंग कानून को समाप्त नहीं करेगी तब तक घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन के तहत किसान कलेक्टर कार्यालय में ही रहेंगे, वहीं खाना बनाएंगे, वहीं खायेंगे सोएंगे व वहीं रहेंगे जब तक कि सरकार लैंड पुलिंग एक्ट वापिस नहीं लेती। श्री आंजना ने कहा कि यह गांव, जमीन, खेत व किसान बचाने की लड़ाई है और किसी भी सीमा तक जाकर इस लड़ाई को भारतीय किसान संघ लड़ेगा।
उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक संख्या में घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन में उज्जैन पहुंचने की अपील की।
*क्या हैं किसानों की मांगे*
किसानों का कहना है पूर्व में सिंहस्थ आयोजन के दौरान जिस प्रकार से अस्थाई तौर पर किसानों की जमीन ली जाती थी। उसी नीति पर कार्य हो और आयोजन के बाद किसानों की जमीन उन्हें वापिस कर दी जाए। किसानों का यह भी कहना है कि सिंहस्थ क्षेत्र में किसानों की जमीन पर कहीं भी स्थाई निर्माण नहीं किए जाएं। लैंड पुलिंग कानून के खिलाफ गांव गांव में सरकार के खिलाफ किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है जिसे किसान तत्काल निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।
*यह है विवाद का बड़ा कारण*
भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में चल रहे लैंड पुलिंग एक्ट के खिलाफ आंदोलन में किसान संघ के नेताओं ने सरकार से कहा है कि लैंड पुलिंग कानून पर मुख्यमंत्री स्वयं स्थिति स्पष्ट करें। लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अभी तक इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया है और प्रशासनिक मशीनरी लैंड पुलिंग कानून को जबरदस्ती लागू कर किसानों की जमीन ले रही है। जिसको लेकर जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन ने विवाद को बढ़ा दिया है। किसान संघ ने घोषणा की है कि सरकार की स्पष्टता के बिना निजी या शासकीय भूमि कहीं पर भी कार्य नहीं होने दिया जाएगा।
*राशन पानी लेकर आ रहे हैं किसान*
मालवा प्रांत के महामंत्री रमेश दांगी ने बताया कि प्रांत के 18 जिलों में तहसील स्तर पर बड़ी बैठकों के माध्यम से घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन की तैयारी की गई है। उन्होंने बताया कि आंदोलन में किसान व उसका परिवार अपना राशन पानी, बिस्तर, झंडा, डंडा आदि लेकर आ रहे हैं। प्रत्येक ग्राम समिति से किसान अपने अपने जिले के कार्यकर्ताओं के साथ अपने निजी वाहनों व ट्रैक्टरों से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे।
राहुल धूत,
प्रांत प्रचार प्रमुख, मध्यभारत प्रांत