डॉ. गुलेरिया ने बताया कि कई ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं जहां रोगी को 30 से 37 दिन आइसोलेशन में रखने के बाद भी गले में सूजन और जुकाम जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं
लक्षण सामने आने से एक या दो दिन पहले भी मरीज किसी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है.लक्षण सामने आने से एक या दो दिन पहले भी मरीज किसी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है.
कोरोना वायरस के संक्रमितों का आंकड़ा पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है. इसी बीच नई दिल्ली स्थित एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इंडिया टुडे ई-कॉन्क्लेव पर कोरोना से जुड़ी बेहद खास जानकारी दी. उन्होंने पीड़ितों के आइसोलेशन पीरियड और लक्षण न दिखने जैसी कुछ खास बातों पर चर्चा की.
डॉ. गुलेरिया ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव कई मरीजों में लक्षण काफी देरी से नजर आते हैं. इसके लक्षण सामने आने से एक या दो दिन पहले भी मरीज किसी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है. इसलिए भी यह बीमारी ज्यादा गंभीर है. अब तक हुए संक्रमित लोगों में 15-20 प्रतिशत लोग इसी तरह बीमारी की चपेट में आए हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट्स दावा कर रहे हैं कि कम से कम 7 दिन और ज्यादा से ज्यादा 14 दिन के आइसोलेशन पीरियड में रोगी ठीक हो जाता है. जबकि डॉ. गुलेरिया ने बताया कि कई ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं जहां रोगी को 30 से 37 दिन आइसोलेशन में रखने के बाद भी गले में सूजन और जुकाम जैसी समस्याएं हो रही हैं. हालांकि ऐसे रोगियों की संख्या काफी कम हो सकती है.
हालांकि आइसोलेशन में रहने के बाद इस तरह की दिक्कतें सामने आने का यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि संबंधित व्यक्ति अभी भी कोरोना पॉजिटिव है.