रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया.

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया.
वहीं, आईसीसी के इस डिसीजन पर क्रेमलिन का बयान सामने आया है. क्रेमलिन ने कहा कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के फैसले को कानूनी रूस से अमान्य करार दिया है. उसने कहा कि आईसीसी का यह डिसीजन रूस के लिए कोई मायने नहीं रखता है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि मॉस्को हेग स्थित अदालत के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है. पेसकोव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘कई अन्य देशों की तरह रूस इस आईसीसी के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है इसलिए कानून के हिसाब से कोर्ट का यह डिसीजन बेमतलब है.’ रूस आईसीसी का सदस्य नहीं है.ICC का फैसला कानूनी रूप से अमान्य

वहीं, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने भी वही बात कही. मारिया ने कहा कि आईसीसी के इस फैसले का कोई मतलब नहीं है और रूस से इसका कई लेना देना नहीं है. उन्होंने टेलीग्राम पर कहा, ‘रूस इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के रोम संविधि का पक्षकार देश नहीं है और इसके तहत उसका कोई दायित्व नहीं है. पुतिन का नाम लिए बिना मारिया ने कहा, ‘रूस इस निकाय के साथ सहयोग नहीं करता है और जहां तक ​​हमारा संबंध है तो आईसीसी की तरफ से जारी गिरफ्तारी वारंट कानूनी रूप से अमान्य हैं. 

 

ICC दुनिया का पहला स्थायी इंटरनेशनल कोर्ट

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट विश्व का पहला स्थायी कोर्ट है. यह रोम संविधि (The Rome Statute) नामक एक अंतरराष्ट्रीय संधि द्वारा शासित किया जाता है. रोम संविधि आईसीसी को चार मुख्य अपराधों पर क्षेत्राधिकार प्रदान करती है. नर-संहार का अपराध, मानवता के विरुद्ध अपराध, युद्ध अपराध और आक्रमकता का अपराध जैसे मामलों में आईसीसी अपने क्षेत्राधिकार का उपयोग कर सकता है.

लवोवा-बेलोवा के खिलाफ भी अरेस्ट वारंट

बता दें कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने शुक्रवार को यूक्रेनी बच्चों को गैरकानूनी तरीके से देश से बाहर निकाल देने के मामले में पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. इसके अलावा आईसीसी ने पुतिन के कार्यालय में बाल अधिकार मामलों की आयुक्त मारिया अलेक्सेयेवना लवोवा-बेलोवा के खिलाफ भी अरेस्ट वारंट जारी किया है.

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