राफेल बनाने वाली कंपनी के मालिक की मौत, क्रैश हो गया हेलीकॉप्टर

 

 

 

फ्रांस के अरबपति कारोबारी ओलिवियर दसॉ की एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है। इनकी कंपनी राफेल फाइटर प्लेन भी बनाती थी।बताया जा रहा है कि ओलिवर छुट्टियां मनाने गए थे। इसी दौरान उनका निजी हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया और इस घटना में उनकी मौत हो गई।

दसॉ फ्रांस की संसद के सदस्य भी थे। ओलिवियर की दसॉ की उम्र 69 साल थी। उनकी मौत पर फ्रांसी के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शोक जताया है।दसॉ की मृत्यु पर राष्ट्रपति मैक्रों ने ट्वीट किया “ओलिवियर डसॉल्ट फ्रांस से प्रेम करते थे। उन्होंने उद्योग, नेता, वायु सेना के कमांडर के तौर पर काफी समय तक देश की सेवा की। उनके आकस्मिक निधन पर बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना।”

ओलिवर दसॉ की फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने ही राफेल विमानों का निर्माण किया है। फोर्ब्स की 2020 की सबसे अमीर उद्योगपतियों की लिस्ट में ओलिवर और उनके दो भाई बहन के साथ 316वें स्थान पर थे। लगभग चार साल पहले भारत ने फ्रांस सरकार के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये का अंतर सरकारी करार किया था। अभी तक दो खेपों में 8 राफेल लड़ाकू विमान प्राप्त हुए हैं।

राफेल 4.5 जनरेशन के दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में एक है। यह दो इंजन वाला मल्टी रोल एयरकाफ्ट है। यह एक ऐसा एयरक्राफ्ट है जो एक ही उड़ान में कई मिशन को अंजाम दे सकता है। राफेल में मेटेओर मिसाइल लगी हैं। यह 150 किलोमीटर तक हवा से हवा में मार करने वाली दुनिया की घातक मिसाइलों में से एक है। इसमें स्कैल्प मिसाइल भी लगी है जो हवा से जमीन पर मार करने के लिए है। यह 300 किलोमीटर तक दुश्मन के घर में घुसकर मार करने में सक्षम है। तीसरी मिसाइल मीका है, जो हवा से हवा में मार करती है। इसकी रेंज है करीब 80 किलोमीटर। साथ में इसमें खतरनाक हैमर मिसाइल भी है जो हवा से जमीन पर 60 किलोमीटर तक हमला कर सकती है।

राफेल की रफ्तार 2,130 प्रतिघंटा है। यह रडार को चकमा देने में माहिर है। यह दूर से ही दुश्मन पर बाज की तरह नजर रख सकता है। एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। यह 24500 किलोग्राम तक का वजन ले जाने में सक्षम है। यह परमाणु हमला भी कर सकता है। राफेल चीन के जे 20 और पाकिस्तान के एफ 16 से कहीं आगे है। इसके मुकाबले में यह दोनों विमान कहीं नहीं ठहरते। राफेल अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी ताकत दिखा चुका है। बड़ी बात ये है कि भारतीय वायुसेना की जरूरत के मुताबिक विमान में फेरबदल भी किए गए हैं। सटीक मारक क्षमता और अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस राफेल की टक्कर का कोई विमान आसपास नहीं है। इस वजह से कोई भी इससे टकराने से पहले कई बार सोचेगा।

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