राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव समेत सभी किसान नेताओं पर FIR दर्ज

 

राजधानी दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सख्त रुख अपनाए जाने के बाद दिल्ली पुलिस भी हरकत में आ गई है। पुलिस ने ट्रैक्टर परेड के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) पर साइन करने वाले सभी किसान नेताओं पर एफआई दर्ज की है।

दिल्ली पुलिस ने जिन किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है उनमें- राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, वीएम सिंह, विजेंदर सिंह, हरपाल सिंह, विनोद कुमार, दर्शन पाल, राजेंद्र सिंह, बलवीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह, जगतार बाजवा, जोगिंदर सिंह उगराहां के नाम शामिल बताए जा रहे हैं।

किसान नेता राकेश टिकैत के खिलाफ गाजीपुर थाने में केस दर्ज किया गया है। हत्या का प्रयास, दंगा, पुलिस पर हमला, सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित अन्य धाराएं लगाई गई हैं।

दिल्ली पुलिस की एक एफआईआर में मंगलवार की हिंसा के लिए मेधा पाटकर, बूटा सिंह और योगेंद्र यादव सहित 37 किसान नेताओं को जिम्मेदार ठहराया गया है। दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में कहा है कि गणतंत्र दिवस परेड को बाधित करने के लिए किसानों की रैली और पारस्परिक रूप से सहमत मार्ग का पालन नहीं करने जैसे कार्य किए गए थे।

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को शहर में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में 200 लोगों को हिरासत में भी लिया है, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। ट्रैक्टर परेड में घायल पुलिस कर्मियों की संख्या भी बढ़कर 313 हो गई है। अब तक इस मामले में 22 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। माना जा रहा है कि अभी और एफआईआर दर्ज की जाएंगी।

किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती

किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो खंगाले जा रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हिंसा के बाद राजधानी में कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, खासकर लाल किले और किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।

चार रूटों पर निकाली जानी थी ट्रैक्टर परेड

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर परेड निकालने का प्रस्ताव दिया गया था। ट्रैक्टर परेड के संबंध में मोर्चा के साथ दिल्ली पुलिस की कई दौर की बैठक हुई थी। पुलिस ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने चार रास्तों पर शांतिपूर्ण परेड निकालने का आश्वासन दिया था, लेकिन मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे छह से सात हजार ट्रैक्टर सिंघु बॉर्डर पर एकत्र हो गए और तय रास्तों के बजाय मध्य दिल्ली की ओर जाने पर जोर देने लगे। उन्होंने बताया कि बार-बार समझाने के बावजूद निहंगों की अगुवाई में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस के बैरिकेड्स तोड़ दिए। गाजीपुर एवं टीकरी बॉर्डर से भी इसी तरह की घटना की खबरें आईं। इसके बाद गाजीपुर एवं सिंघु बॉर्डर से आए किसानों की एक बड़ा समूह आईटीओ पहुंच गया और उसने लुटियन जोन की तरफ जाने का प्रयास किया।

उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया, उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिए तथा वहां मौजूद पुलिस कर्मियों को कुचलने का प्रयास किया। हालांकि, बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज करके हिंसक भीड़ को नियंत्रित किया, लेकिन यहां से वे लाल किले की ओर बढ़ गए। मंगलवार को लगभग 90 मिनट तक अफरा-तफरी मची रही, किसान अपनी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर इस ऐतिहासिक स्मारक तक पहुंच गए थे। वहां वे उस ध्वज-स्तंभ पर भी अपना झंडा लगाते दिखे, जिस पर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को लाल किला परिसर से हटा दिया था।

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