कोरोना वायरस की चेन ख़त्म करने का अब खुले पत्र में राष्ट्रपति महोदय को प्रस्ताव :
(विनाश की पूर्व संध्या पर लोगो के बचने का रास्ता उनके ही हाथो में….)
महामहिम राष्ट्रपति महोदय
(वर्तमान में पदासीन :- श्री रामनाथ कोविदं)
कॉपी:- उपराष्ट्रपति महोदय, माननीय मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायलय, प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रीगण, सभी राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों सहित सभी मंत्रियो और जनप्रतिनिधियों के साथ मीडिया के सर्वोच्य पदों पर पदासीन सम्मानित सज्जनो सहित निचे से निचे तक संवैधानिक पदों तक विराजित गणमान्य लोगो
जनता के बीच खुला प्रस्ताव: विचाराधीन फाइल पर अतिशीघ्र निर्णय के साथ पूर्णतः आवश्यक सहयोग दे तो पहले सभी के विश्वास के लिए 7 दिन का पायलेट प्रोजेक्ट फिर अगले एक माह में भारत से कोरोना वायरस की चेन ख़त्म
माननीय में अपने आविष्कार (2004) व भारत सरकार से दुनिया में पहली बार आने की जांच के बाद 2006 में पेटेंट प्राप्त करने के बाद से आपसे लगातार अनुरोध करता आ रहा हु। भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम से लेकर आप तक मामला पहुंच गया है। सन 2011 में मैंने दुनिया भर के सभी दस्तावेजों (President-House, Letter Reference No.P1/D/1908110208, Dated 19-08-2011) के साथ पूरा मामला लाखो करोडो के मिले प्रस्ताव सहित आपको भेज दिया था ।
सयुक्त राष्ट्र-संघ (26-07-2008) , इंटरनेशनल रेड क्रॉस एन्ड क्रीसेंट सोसायटी (24-08-2011) , द ग्लोबल फण्ड (20-06-2011) , पावती मेल (E-mail Dated 13-05-2009 Time: 08:51 PM Official E-mail id: president(at)messages(dot)whitehouse(dot)gov ) बराक-ओबामा , बिल एंड मेलिना गेट्स फाउंडेशन (06-08-2009) , क्लिंटन फाउंडेशन (25-03-2009) , वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों की प्रतिक्रिया सम्बंधित दस्तावेज
इसमें भारत के स्तर पर तीन राज्यों के मुख्यमंत्री (श्री नरेंद्र मोदी, शिवराज सिंह चौहान व अशोक गहलोत), राज्य सरकारों के मंत्रालयों, कई केंद्रीय मंत्रालयों व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा लगी फाइल सबकुछ आपतक पहुंच चुके मामले के सरकारी दस्तावेज शामिल थे। आपके माध्यम से मामला केंद्रीय मंत्रालयों से होकर पुनः आपको अंतिम निर्णय के लिए अधिकृत करके पहुंच गया तब (2011) से यह पेंडिंग पड़ा है। वर्तमान में कोरोना वायरस को देख रही ICMR के डायरेक्टर को लिखे पत्र पर डिप्टी डायरेक्टर का हार्डकोपी वाला जवाब भी शामिल था ।
इस पेंडिंग फाइल की वजह से दुनिया भर में 350 वर्ष से ज्यादा पुरानी आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का विकास रुका पड़ा है और वायरस लगातार वृद्धि करते जा रहे है। बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, जीका, ईबोला, निपाह अब कोरोना यह सब बढ़ते क्रम की एक श्रृंख्ला है। मैंने हर वायरस के आने से पहले आपको लिखित में सचेत किया व याद करवाया। कोरोना वायरस के आने से पहले दिल्ली स्वयं आकर ( 26 अगस्त, 2019 ) आधिकारिक रूप से रिमाइंडर लेटर के साथ अनुरोध पत्र भी दिया। इससे पहले भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने भोपाल प्रवास के दौरान मिलने का समय भी दिया और आखरी वक्त में व्यस्ता के कारण मिल नहीं पायें। यह सब कुछ मीडिया के सहयोग व राष्ट्रपति सचिवालय के पत्रों से जनता तक पहुँचता रहा ।
इन सरकारी प्रक्रियाओं के साथ साथ लॉकडाउन के समय भी आपके व प्रधानमंत्री के कार्यालय में लगातार फ़ोन व अन्य माध्यमों से भी रिमाइंडर व आगे की जानकारी दी। अब कोरोना वायरस के आगे कौनसा वायरस आयेगा वो भी मैंने बता रखा है। इसका नाम, जगह समय के अनुसार तय होता रहेगा परन्तु तकनिकी व जैविक रूप से संरचना वही रहेगी ।
पहले चीन ने बनाया वायरस के नाम पर सभी भ्रमित रहे और अब वैक्सिन आने की बात करके शुकुन की नींद सो रहे है। सच्चाई यह है कि पहले लॉकडाउन ने कोरोना वायरस को गांव गांव में पंहुचा दिया। अब दूसरी लहर के समय वैक्सीन की परछाई में घर घर पहुंचा दिया जायेगा। वर्तमान में जिस तरह से बढ़ा जा रहा है उसके आधार पर आगे 3-6 माह में रामबाण वाली वैक्सिन भी अपनी प्रासंगिता खो देगी। यह इंसानी सभ्यता पर वायरसो की जीत का अब तक उठाये सारे कदमो का रिपोर्ट कार्ड होगा । जो यह नहीं बतायेगा की आपने, मैंने, सरकारों व मीडिया ने क्या किया। यदि बता भी दिया तो वह पानी के बुलबुले जितनी जिंदगी के समय में ख़त्म हो जायेगा क्योकि फिर मनुष्य प्रजाति शुन्य की दिशा में अग्रसर हो जायेगी ।
पंद्रह वर्षो के अधिक समय से सरकारी कागजी प्रक्रिया चल रही है वो ख़त्म नहीं हुई। हर एक कदम पर मीडिया ने भी सहयोग देकर आगे बढ़ाया जो विदेशी मीडिया में भी प्रसारण तक गया । अब तो मीडिया भी थक व हताश हो चूका है उसने भी सरकारी चाल और ढाल को देखकर इंसानी लाशो की गिनती पर ज्यादा फोकस कर लिया है व सदियों पुरानी सभी धर्मो की जीवन बचाने की मूल धारणा को चाटुकारिता व व्यक्तिवाद वाली नई धार्मिकता से गोल किया जा रहा है ।
इन सभी के प्रमाण व एक एक सरकारी लेटर व समय से पहले सच्चाई की भविष्यवाणी करती व उस पर प्रकृति का लगातार जमीनी धरातल पर साबित होता हुआ आशीर्वाद मेरी रिपोर्ट वैज्ञानिक-विश्लेषण के रूप में मेरे फेसबुक पेज (http://www.facebook.com/ShailendraKumarBirani) पर मौजूद है। इन सभी को इस पत्र में शामिल करना असंभव है ।
घडी की हर एक-एक टिक-टिक के साथ परिस्थितिया मुश्किल से दूभर होती जा रही है जो दुनिया के एकमात्र जीवित ग्रह पृथ्वी पर सम्पूर्ण मानव प्रजाति को महाविनाश की तरफ ले जा रही है। वर्तमान में कोरोना वायरस की बढ़ती चेन एक टहनी भर है पहले उसे रोकना पड़ेगा, इसके तुरंत बाद वायरसो का एक पूरा घना पेड़ बन गया है उसे ख़त्म करना पड़ेगा अन्यथा कुछ समय अंतराल पर एक नया वायरस आ जायेगा जिसे हम कोई और नया नाम दे देंगे ।
मैंने कोरोना वायरस के प्रारम्भ से कई बार 7 दिन के पायलेट प्रोजेक्ट फिर एक माह में कोरोना वायरस की चेन ख़त्म करने का प्रस्ताव आप तक पहुंचाया है। यह दुनिया का एकमात्र उपाय भी समय के साथ-साथ रेत की तरह इंसानो के हाथ से फिसलता जा रहा है। दुनिया के किसी भी देश के पास लॉकडाउन के बाद उसे खोलने का तरीका नहीं है जिसके कारण किये कराये पर पानी फिर जाता है और फिर कुछ समय के अंतराल पर हालत और विकराल बन जाते है ।
आपको लगातार भेजी मेरी वैज्ञानिक-विश्लेषण की पोस्ट के टाइटल से ही अग्रिम रूप से संकट को बताया है व उसके साथ परिस्थितियों के साथ सच्चाई को भी विस्तृत रूप से व्याखित किया है। हाथ कंगन को आरसी क्या? और पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या? भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की कोरोना से मौत इसका उदहारण आपके सामने है जिन्होंने पुरे कार्यकाल में इस वायरस को पैदा होने से रोकने की फाइल को दबाये रखा और अंतिम निर्णय नहीं लिया ।
मेरे द्वारा प्रस्तुत किये गये वैज्ञानिक-विश्लेषण के कुछ टाइटल इस प्रकार है । इन सभी का अलग-अलग लिंक इस पत्र में शामिल करना मुश्किल है। यह सभी मेरे फेसबुक पेज व ग्रुप जो Scientific-Analysis on current news पर मौजूद है ।
मौत पहुंची राष्ट्रपति द्वार पर
इस बार महाविनाश जल प्रलय, विश्वयुद्ध, जैविक हथियार से नहीं इस तरीके से आयेगा ….
हमें मिटाने के चक्कर में देश को मिटा डाला ……. अब दुनिया से इंसानो को मिटाने की राह पर
मौत के सौदागर मर जायेंगे, मिट जायेंगे पर लोगो को जीने नहीं देंगे
एक अविष्कार को ख़त्म करने का परिणाम है कोरोना वायरस
दुनिया में इंसानी मौत देने का केंद्र बना भारत का राष्ट्रपति – भवन
कोरोना व अन्य वायरसो का उपाय दबाकर बैठे है और लोगो को मौत के मुँह में धकेल रहे है ……
अब लॉकडाउन व उसमे दी जाने वाली छूट “वैज्ञानिक-प्रबंधन” के बिना कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलायेगी
(उपाय का सभी राज्यों व केंद्र सरकारो को प्रपोजल के साथ)
दुनिया के पास अब आपके वैज्ञानिक-विश्लेषण की सच्चाई मानने के अतिरिक्त कोई मार्ग नहीं …..
मान्यवर आप महामहिम है परन्तु लोगो को मारकर या मरने देने का काम करके अपनी ताकत का लौहा मत बनवाइये, इस ताकत से कम से कम एक को तो जिंदा करके बताइये। में तो सिर्फ लोगो को मौत के मुँह में असमय जाने से रोकने के लिए अनुरोध कर रहा हु और दुनिया भर से मिले करोडो अरबो रुपये के प्रस्ताव सहित पेटेंट का फायदा देश व लोगो को देने का फायदा आपको 2011 में ही भेज चुका हु। आपको सिर्फ एक लाईन का निर्णय लेना है बाकी प्लानिंग, पालिसी, आविष्कार, देश-दुनिया का सहयोग सभी तैयार है जो आपको प्रस्तुत कर चुका हु। सभी की पुस्टि के लिए आपको भेजे ईमेल की कार्बन कॉपी उनको भी साथ में भेजी थी। मैंने इस खुले पत्र में शुरू के सम्बोधन में आपके बाद जिन जिन का भी नाम शामिल किया है उनके सभी के दस्तावेज आपको भेजे है ।
दुनिया महाविनाश की दहलीज पर आ चुकी है आपकी चुप्पी व समय बर्बादी उसकी मदद कर रही है। समय के साथ मानव प्रजाति को बचाने के लिए मुझे आगे बढ़ना पड़ा व दूसरे देशो की तरफ रुख करना पड़ा तो भारत की संस्कृति व गौरव संकट में पड़ जायेगा, उसके लिए आप पूर्णतया जिम्मेदार होंगे ।
शैलेन्द्र कुमार बिराणी
युवा वैज्ञानिक
दुनिया में असली एडी-सिरिंज का आविष्कारक
व्यक्तिगत रूप से पेटेंट हासिल करने वाला मध्यप्रदेश इतिहास का दूसरा व्यक्ति
भारत में पेटेंट धारक को राष्ट्रीय अवार्ड देने की शुरुवात कराने वाला
आम नागरिक