🔸सीधी मैं हुआ पेशाब कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया,आरोपी युवक ने शराब के नशे में जो कृत्य किया वह अक्षम्य था,युवक भाजपा विधायक का करीबी निकला तो विपक्ष ने भी मुद्दा खूब भूनाया,,,
सरकार बैकफुट पर आई तो कड़ी धाराओं में कार्रवाई कर जेलपहुंचाया
,,,मकान तुड़वाया,,,फिर भी विपक्ष चिल्लाया,,तो सरकार ने पीड़ित आदिवासी युवक को सीएम हाउस बुलाकर पैर धोएं,,पुष्प माला पहनाई और शाल श्रीफल भेंट कर आरती उतारी,,परंतु सीएम हाउस से जिम्मेदारो ने बड़ी गलती कर दी,,,
पीड़ित युवक का वीडियो और फोटो सार्वजनिक हो गए,,जिसके बाद तो अंधों की दौड़ में अच्छे-अच्छे यह भूल गए की पीड़ित की अगरपहचान उजागर कर दी तो जो लोग उसे चेहरे से नहीं जानते थे वह भी कहेंगे यह वही जा रहा है जिसके मुंह पर पेशाब कर दी थी,,,क्या यह व्यक्तिगत स्वाभिमान का हनन नहीं है,,
🔸नेशनल मीडिया जो कल तक युवक का फोटो ब्लर कर पेशाबकांड को दिखा रही थी आज सीएम ने पैर क्या धोएं,,फोटो वीडियो दिखाकर युवक की पहचान उजागर कर दी,,
यही हाल अखबारों और सोशल मीडिया के यूजर्स का भी रहा,, सरकार के नुमाइंदे अपने आका की वाह वाही करने के लिए युवक का फोटो वायरल करते रहे,,तो विपक्ष मुद्दा बनाने के लिए वायरल करता रहा और सिर से पांव तक किसी ने मुद्दा बनाने,,किसी ने भुनाने,,तो किसी ने खबर बनाने के लिए उस पीड़ित युवक को सार्वजनिक कर दिया,,देशभर की बुद्धिमानों से भरी जमात ने बड़ा निंदनीय कृत्य किया,, सीएम हाउस से अगर फोटो वीडियो वायरल भी हुए थे तो पहली फुर्सत में बुद्धि जीवो को इस प्रकार के वायरल चित्रों पर आपत्ति लेनी थी तथा ब्लर फोटो वायरल कर खबरें बनानी थी चाहे विपक्ष हो या मीडिया या सोशल मीडिया सभी ने इस बात को दरकिनार कर दिया,,
🔸सरकार ने तो वाह वाही लूटने के लिए इतनी जल्दी दिखाई कि युवक की पहचान तक उजागर कर दी,
,माना कि यह चुनावी साल है,,हर पांचवा वोट आदिवासी समुदाय से जुड़ा है,,,परंतु जोश में होश खोनायह कहां तक समझदारी है,,आपपहचान उजागर होने से रोकते,,तो हम भी तारीफ करते हैं परंतु अभी आपका यह कृत्य कान खिंचाई से भरा नजर आता है,,