मोदी- शाह और शिवराज सब गदगद है एक दूसरे से…

 

ना काहू से बैर/राघवेंद्र सिंह
नया इंडिया/भोपाल,
मध्यप्रदेश में सत्ता की सियासत इन दिनों बेहद सुखद दौर से गुजर रही है। लगभग 17 साल बाद यह पहला अवसर है या यूं कहें कि इतिहास में यह दुर्लभ मौका है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्रसन्न हैं। एक माह के भीतर ही मोदी- शाह के प्रदेश दौरे हुए । मोदी जी की अगुवाई में पालपुर कूनो चीतों का कुनबा आया। एक माह भी नही बीता था कि मोदी जी के हाथों उज्जैन में महाकाल लोक कॉरिडोर का लोकार्पण का न भूतो न भविष्यति जैसा भव्य आयोजन हुआ। इसके बाद 16 अक्टूबर को आगमन हुआ गृहमंत्री शाह का। अवसर था चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई को हिंदी में कराने का। बस यहीं से दिखाई देती है मोदी के बाद शाह के सीएम शिवराज सिंह चौहान पर प्रसन्न होने की कहानी।
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में पीएम मोदी मंच से टीम शिवराज की तारीफ कर (सबको तो पता नही) गदगद कर गए थे। आमतौर पर मोदी प्रशंसा करने में कंजूस माने जाते हैं। खासतौर पर सीएम शिवराज और उनकी टीम को लेकर इसी तरह की धारणा जनमानस में बनी हुई थी। अक्सर पीएम के सामने सीएम की बॉडी लैंग्वेज भी कुछ इसी तरह के संकेत देती थी। प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की अनेक यात्राएं प्रदेश में हुई लेकिन सीएम और पीएम के बीच रिश्ते बहुत कम ही सहज दिखाई दिए। पीएम मोदी द्वारा मंच पर सीएम की तरफ कम ध्यान देना अक्सर जन चर्चा का विषय बनता था। राजनीतिक गलियारों में लोग ऐसा मानते थे कि मोदी और शिवराज के बीच संबंध सहज नहीं है। इसलिए अक्सर नेतृत्व परिवर्तन की बातें भी हवा में उड़ा करती थी। लेकिन कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद जब चौथी बार मुख्यमंत्री पद के लिए शिवराज सिंह चौहान पार्टी और पीएम की पसंद बने तो काफी हद तक इस मुद्दे पर स्थिति साफ हुई । गाहे-बगाहे यह चर्चा अक्सर होती थी कि मोदी जी तो ठीक अमित शाह से शिवराज की पटरी ठीक से नहीं बैठ रही है। मगर 16 अक्टूबर को भोपाल में चिकित्सा शिक्षा हिंदी में मिले इस से लेकर जो आयोजन भोपाल में हुआ उसमें शिरकत करें गृह मंत्री अमित शाह ने अपने स्वभाव के विपरीत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ की ल। उन्होंने कहा हिंदी में चिकित्सा शिक्षा की तीन पाठ्य पुस्तकों का लोकार्पण कराकर शिवराज जी ने देश मे मोदी जी के सपनों को जमीन पर उतारने का काम किया है। उन्होंने ऐसे कार्यों को यज्ञ की संज्ञा दी। प्रदेश की प्रसिद्धि पर शाह कहते हैं कि शिवराज ने कोई यज्ञ किया है। जिसके चलते वह सुर्खियों में बना रहता है। इससे यह साफ संकेत मिले कि भाजपा के दोनों दिग्गज नेता सीएम शिवराज और उनकी सरकार के कामों को पसंद करते हैं। श्री शाह ने कहा मातृभाषा शिक्षा खासतौर से चिकित्सा और तकनीक के मामले में जो ज्ञान चिकित्सकों और यंत्रियों को मिलेगा। उससे नई पीढ़ी का आत्मविश्वास बढ़ेगा। दुनिया के अनेक देश अपनी मातृभाषा में मेडिकल व इंजीनियरिंग की शिक्षा देते हैं और वह शिखर पर भी हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहां की बहुत जल्द चिकित्सा के बाद तकनीकी शिक्षा पर भी हिंदी में पाठ्यपुस्तक प्रकाशित कर अंग्रेजी के साथ उन्हें पढ़ाया जाएगा। बहुत जल्दी ही आईआईएम की पढ़ाई भी कराई जाएगी हिंदी में पढ़ाई इससे भारत शिक्षा के मामले में अंग्रेजी की गुलामी से भी बाहर निकलेगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा को लेकर हिंदी में पाठ्यपुस्तक तैयार कर उनके शीघ्र प्रकाशन का काम हो रहा है। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार हिंदी में शिक्षा के मुद्दे पर उत्साह में है और जो लक्ष्य तय कर रखे हैं उन्हें समय सीमा से पहले हासिल भी कर ले। कुल मिलाकर भाजपा की राजनीति में जो माहौल बना है उससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले से ज्यादा मजबूत हुए हैं। उन्हें मोदी और शाह के समर्थन के साथ सार्वजनिक रूप से प्रशंसा भी मिली है। इससे पार्टी के भीतर और बाहर उनके विरोधी मायूस हुए होंगे। देखते हैं आगे क्या होता है..?
अभी जो हालात हैं उससे यह संकेत मिले हैं कि अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही होने जा रहा है।

और अंत में…
इसके अलावा मध्य प्रदेश कांग्रेस को लेकर विस्तृत चर्चा अगले सोमवार। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने पर राहुल गांधी से उनकी निकटता या दूरी यथावत है या कुछ सुधार हुआ है।

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