भोपाल , 16 जुलाई 2020
प्रदेश कांगे्रस के मीडिया प्रभारी (ग्वालियर-चम्बल संभाग) के.के. मिश्रा ने वर्षाकाल को दृष्टिगत् रख एनजीटी द्वारा रेत उत्खनन पर लगाई गई रोक बावजूद भी देवास, नरसिंहपुर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में नदियों से रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और बडी मात्रा में भण्डारण किये जाने का आरोप लगाते हुये कहा है कि मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि रोक के बावजूद किस “महाशक्ति” के संरक्षण में यह अवैध व्यापार संचालित किया जा रहा है?
मिश्रा ने कहा कि देवास, नरसिंहपुर एवं सीहोर जिले में मध्यप्रदेश खनिज संसाधन द्वारा संपूर्ण जिले की रेत खदानें उच्चतम बोली पर किसी परम एजेंसी एवं सीहोर जिले की खदानें और किसी पॉवरमेक कंपनी को आवंटित हुई है। इसी तारतम्य में परम एजेंसी को देवास व नरसिंहपुर तथा पॉवरमेक कंपनी को सीहोर जिले में रेत भण्डारण की अनुमति भी स्वीकृत हुई है। इन तीनों ही जिलों में जिस जगह रेत का भण्डारण किया गया है, वहां नियमों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। मिश्रा ने यह भी आरोप लगाया कि स्टॉक के नाम पर ठेकेदारों ने सरकारी पोर्टल पर लाखों घनमीटर की रॉयल्टी काटकर रख ली गई है, जबकि वहां रेत का भौतिक स्टॉक लगभग नहीं के बराबर है, सीधे तौर पर ठेकेदारों द्वारा नदियों से मशीनों के माध्यम से धडल्ले से रेत का उत्खनन बडी मात्रा में किया जा रहा है इसके माध्यम से सरकार की आंखों मे मिट्टी झोंकते हुये पुराने स्टॉक के नाम पर नदियों से ही अवैध उत्खनन कर रॉयल्टी काटी जा रही है? जो एनजीटी न्यायालय के आदेश का सीधा व घोर उल्लंघन है। इसकी वजह से शासन को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान होना स्वभाविक है किन्तु किसी “महाशक्ति” के संरक्षण के कारण शासन इस आर्थिक नुकसान से भी बेपरवाह है।
मिश्रा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे एक उच्च स्तरीय समिति अथवा सभी राजनैतिक दलों के एक एक प्रतिनिधियों को शामिल कर सर्वदलीय समिति गठित करे जो मौका स्थल पर जाकर शासन को हो रहे आर्थिक नुकसान की जांच करे, साथ ही इस जांच रिपोर्ट को भी सार्वजनिक किया जाये।