_शताब्दी वर्ष में आरएसएस देश के साथ मालवा प्रांत में भी मजबूत बनकर उभरा_
_*’ एक एक पग बढ़ते जाए, बल वैभव का युग फ़िर लाये* ‘_
*ताक़तवर हुआ आरएसएस*
*10 हज़ार शाखाएं बढ़ी*
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_दशहरे से होगी संघ के शताब्दी वर्ष की शुरुआत, शहर से गांव-कस्बों तक निकलेंगे पथ संचलन_
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*_सभी मंडलों व बस्तियों में होंगे हिंदू सम्मेलन, नगरों में होगी समाजिक सदभाव बैठकें_*
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_जिला स्तर पर संघ करेगा नागरिक संवाद, राष्ट्रीय विषयों पर सीधे नागरिकों से बात होगी_
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*_शताब्दी वर्ष का उत्सव नही मनाएगा संघ, आत्मचिंतन करेगा, समाज का आभार प्रकट करेगा_*
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_मालवा प्रांत में 403 शाखाएं बढ़ी, 4636 शाखाओं का फ़ैला जाल, 12 हज़ार गांवों तक पहुँचा संघ कार्य_
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*_भाग्यनगर ( हैदराबाद ) में लगेगा इस वर्ष विश्व संघ शिविर, 2015 में इंदौर में भी लग चुका हैं शिविर_*
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*नितिनमोहन शर्मा*:
*_एक एक पग बढ़ते जाए, बल वैभव का युग फ़िर लाये_*
*राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इसी संघ गीत के अनुरूप अपनी ताक़त में जबरदस्त इज़ाफ़ा किया हैं। संघ को समाज का ज़ोरदार समर्थन मिल रहा हैं। समाज के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करते हुए आरएसएस ने एक बार फ़िर स्वयम को राष्ट्र कार्य व राष्ट्र निर्माण में समर्पित करने का संकल्प लिया हैं। संगठन इसी बरस अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण कर रहा हैं। लेक़िन शताब्दी वर्ष का आरएसएस उत्सव नही मनाएगा। वह इस शुभ अवसर पर वह आत्मचिंतन करने व संघ कार्य मे मिले समाज के समर्थन पर आभार प्रकट करेगा।*
संघ ने साफ़ कर दिया हैं कि 100 वर्ष की उपलब्धि का उत्सव नही मनाना हैं बल्कि आने वाले समय के लिए देश व समाज को संगठित करने के लिए स्वयं को पुनः समर्पित किया जाएगा। शताब्दी वर्ष की शुरुआत 2025 के दशहरा पर्व से होगी। इसी दिन 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी। नतीज़तन आरएसएस दशहरे से गांव, नगर, कस्बों व शहरों में पथसंचलन आहूत करेगा। स्वयंसेवक घर घर दस्तक देकर संघ कार्य व उससे जुड़ा साहित्य भी समाज को देंगे।
*शताब्दी वर्ष में आरएसएस मजबूत बनकर सामने आया हैं। देशभर में सँगठन के शाखा तंत्र में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई हैं। देश मे करीब 52 हजार स्थानों पर आरएसएस की शाखाएं लग रही हैं। इनकी संख्या 83 हज़ार से ज्यादा हैं। महज़ एक वर्ष में संघ की देशभर में 10 हजार शाखाएं बढ़ी हैं। संगठन के साप्ताहिक मिलन शाखाओं में भी साढ़े 4 हज़ार से ज़्यादा की वृद्धि हुई हैं। नियमित व सप्ताहिक शाखाओं का आकंडा 1 लाख को पार कर करीब सवा लाख तक जा पहुँचा हैं।*
देश के 59 हज़ार गांवों में से आरएसएस आधे से भी ज़्यादा करीब 31 हज़ार गांवों तक नियमित व 9 हज़ार से ज़्यादा गांवों में साप्ताहिक शाखाओं के जरिए पकड़ बना चुका हैं। ये काम और तेज गति से नियमित चल रहा हैं। संघ प्रमुख डॉ मोहनराव भागवत के आव्हान पर ढाई हज़ार के लगभग स्वयंसेवको ने संघ कार्य को विस्तार देने के लिए दो साल के लिए घर-बार सब छोड़ रखा हैं। यही नही आरएसएस की वेबसाइट ‘ज्वाइन आरएसएस’ से करीब 13 लाख लोग जुड़े। इनमें 46 हज़ार महिलाएं हैं।
*मालवा के गांव गांव तक में फ़हराया भगवा ध्वज*
*राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक 21 से 23 मार्च तक बैंगलुरु के चेननहल्ली में हुई। संघ की ताकत का ये चित्र इसी बैठक से निकलकर सामने आया। इस बैठक में देशभर से संघ के 34 सहयोगी संगठन से जुड़े 1442 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसी बैठक के जरिये मालवा प्रांत की मज़बूती भी सामने आई। मालवा प्रांत में 3046 स्थानों पर 881 बाल एवं 150 महाविद्यालयीन विद्यार्थी शाखाओं सहित कुल 4636 शाखायें लग रही हैं। इस प्रांत में पिछले वर्ष की तुलना में 403 शाखायें बढ़ी हैं। प्रांत में 1538 ग्रामों में साप्ताहिक मिलन तथा 1484 गांवों में मासिक मंडली चल रही हैं। मालवा प्रांत में शाखाओं के विस्तार के लिए 12170 ग्रामों में 9059 कार्यकर्ताओं ने सात दिन का समय विस्तारक के रूप में दिया।जहाँ उन्होंने चौपाल बैठकें लीं और शाखा व साप्ताहिक मिलन आरंभ किये। सेवा भारती तथा स्वयंसेवकों द्वारा प्रांत की 1241 में से 615 सेवा बस्ती में शिक्षा, संस्कार, स्वावलंबन के सेवाकार्य चल रहे हैं।*
*आरएसएस व देवी अहिल्या की लोककीर्ति*
लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर की 300वीं जयंती वर्ष में संघ ने पूरे देश में 21 हजार से ज्यादा कार्यक्रमों किये। वह भी महज एक वर्ष में। इन कार्यक्रमों में करीब 28 लाख लोगों की सहभागिता रही। व्याख्यान, नाट्यमंचन, वृत्तचित्र निर्माण,मानवंदन यात्रा, मूर्ति स्थापना, मंदिर-घाट-नदी स्वच्छता और साहित्य निर्माण जैसे विभिन्न प्रेरणादायी कार्यक्रमों के द्वारा लोकमाता देवी अहिल्याबाई के कृतित्व को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य संघ के जरिये विभिन्न संगठनों के द्वारा किया गया।
*शताब्दी वर्ष में देश के हर घर तक पहुँचेगा आरएसएस*
*शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी 2025 के अवसर पर होगी, जिसमें गणवेश में स्वयंसेवकों के मंडल, खंड व नगर स्तर के पथ-संचलन का आयोजित किये जावेंगे। नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान के द्वारा संघ साहित्य वितरित किया जाएगा। सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जायेंगे। खंड व नगर स्तर पर सामाजिक सदभाव बैठकें आयोजित की जायेंगी, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा। जिला स्तर पर प्रमुख नागरिक संवाद आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय विषयों पर सही विमर्श स्थापित करने और आज प्रचलित गलत विमर्श को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।*