मानव फेफड़े के एपिथेलियल कोशिका में नोवल कोरोनावायरस का कल्चर करेंगे वैज्ञानिक

मानव फेफड़े के एपिथेलियल कोशिका में नोवल कोरोनावायरस का कल्चर करेंगे वैज्ञानिक

यह कोविड-19 के खिलाफ संभावित दवाओं और टीकों के इन विट्रो परीक्षण में सक्षम होगा

05 MAY 2020 ,

हैदराबाद के सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) ने कोविड-19 पर
अनुसंधान गतिविधियां शुरू करने के लिए बेंगलूरु की कंपनी आईस्टेम रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के
साथ करार किया है। इस अनुसंधान साझेदारी के जरिये मानव कोशिकाओं में नोवल कोरोनावायरस
को विकसित करने का प्रयास किया जाएगा जो कोविड-19 के खिलाफ संभावित दवाओं और टीकों के
इन विट्रो परीक्षण में सक्षम होगा।
सीसीएमबी के वैज्ञानिकों ने कहा, शोध दल नोवल कोरोनावायरस की मॉलिक्यूलर और पैथोलॉजिकल
विशेषताओं को समझने के लिए अपने एंटी-कोविड स्क्रीनिंग (एसीएस) प्लेटफॉर्म के तहत आईस्टेम
के मानव फेफड़े के एपिथेलियल सेल कल्चर सिस्टम का इस्तेमाल करेगा।
सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा, ‘मानव मेजबान के बाहर इस वायरस का कल्चर
करना एक तकनीकी चुनौती है जिसे दूर करने की आवश्यकता है। आईस्टेम का सेल कल्चर सिस्टम
एसीई2 रिसेप्टर एवं अन्य जीन के बारे में बताता है जो वायरस के प्रवेश और उसकी प्रतिकृति के
प्रमुख निर्धारक हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इस प्रणाली के उपयोग से डॉ. कृष्णन हर्षन के नेतृत्व
वाली सीसीएमबी की टीम को इस वायरस की वृद्धि के बारे में पूर्वानुमान लगाने में मदद मिलेगी
जिससे दवाओं की स्क्रीनिंग एवं टीका विकसित करने के लिए रणनीतियां बनाने का रास्ता साफ
होगा।’
सीसीएमबी वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की एक घटक प्रयोगशाला
है जो सेल्युलर और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी पर अत्याधुनिक अनुसंधान कार्य के लिए जानी जाती है।
आईस्टेम रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड एक सेल थेरेपी स्टार्टअप है जिसे बेंगलूरु के सेंटर फॉर सेल्युलर एंड
मॉलिक्यूलर प्लेटफॉर्म्स (सी-सीएएमपी) में इनक्यूबेटेड है। सी-सीएएमपी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की एक पहल है।
आईस्टेम के सीईओ डॉ. जोगिन देसाई ने उम्मीद जताई कि सीसीएमबी अपने प्लेटफॉर्म का लाभ
उठाने में सक्षम होगा और कोविड-19 के अनुसंधान को आगे बढ़ाएगा जो देश की मदद करेगा।

उन्होंने कहा, ‘डॉ. राजर्षि पाल और उनकी टीम द्वारा यह एसीटी प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है।
यह सेल थेरेपी और रोग मॉडलिंग में हमारी विशेषज्ञता और गहराई का सबूत है।’
डॉ. देसाई ने कहा कि आईस्टेम सेल थेरेपी के साथ-साथ रोग मॉडलिंग प्लेटफॉर्म तक सभी की पहुंच
सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है ताकि मानवता के एक बड़े वर्ग को इसका लाभ मिल सके।
(प्रमुख शब्दः कोविड-19, सीएसआईआर-सीसीएमबी, फेफड़ा एपिथेलियल सेल, कोरोनावायरस
कल्चर, आईस्टेम, डीबीटी)

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